किशनगंज. बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए नागरिक समाज संगठनों के देश के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी संगठन 278 जन निर्माण केंद्र चला रहा है. जिले में बाल श्रम के खिलाफ अभियान बाल मजदूरी के खात्मे के लिए राष्ट्रीय बाल श्रम उन्मूलन मिशन शुरू करने और इसके लिए पर्याप्त संसाधनों के आवंटन की मांग,18 साल तक के बच्चों की मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा और पीड़ित बच्चों के पुनर्वास के लिए बाल मजदूर पुनर्वास कोष बनाया जाये. विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर जिले में बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए काम कर रहे संगठन जन केंद्र ने कहा कि बाल अधिकारों के मोर्चे पर जिला प्रशासन व नागरिक समाज में जो सजगता व समन्वय दिख रहा है. उससे यह विश्वास जगता है कि हम जल्द ही बाल श्रम मुक्त किशनगंज का सपना साकार होते देखेंगे. जन निर्माण केंद्र देश में बाल अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए देश के नागरिक समाज के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी संगठन है. जेआरसी के 250 से भी ज्यादा सहयोगी संगठन देश के 418 जिलों में जमीन पर बाल श्रम, बाल विवाह, बाल यौन शोषण और बच्चों की ट्रैफिकिंग के खिलाफ काम कर रहे है. जेआरसी ने बच्चों की सुरक्षा के लिए कानूनी हस्तक्षेप कार्यक्रम न्याय तक पहुंच के जरिए पिछले दो वर्षों में 85,000 से ज्यादा बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया है और 54,000 से ज्यादा मामलों में कानूनी कार्रवाई शुरू की. जन निर्माण केंद्र के निदेशक राकेश कुमार सिंह ने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि बाल श्रम के खात्मे की दिशा में दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारत का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है और इसका श्रेय राज्य सरकार और जिला प्रशासन की सतर्कता और संवेदनशीलता को जाता है. उन्होंने बाल श्रम के खात्मे के लिए समग्र नीतिगत बदलावों, सरकारी खरीदों में बाल श्रम का इस्तेमाल कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति, 18 साल तक मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा, पीड़ित बच्चों के पुनर्वास के लिए बाल मजदूर पुनर्वास कोष की स्थापना, खतरनाक उद्योगों की सूची में विस्तार, राज्यों को उनकी विशेष जरूरतों के हिसाब से नीतियां बनाने, बाल मजदूरी के खात्मे के लिए सतत विकास लक्ष्य 8.7 की समयसीमा को 2030 तक बढ़ाने, दोषियों के खिलाफ सख्त व त्वरित कानूनी कार्रवाई की मांग की. बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए नागरिक समाज संगठनों के देश के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी संगठन 278 जन निर्माण केंद्र चला रहा है. जिले में बाल श्रम के खिलाफ अभियान बाल मजदूरी के खात्मे के लिए राष्ट्रीय बाल श्रम उन्मूलन मिशन शुरू करने और इसके लिए पर्याप्त संसाधनों के आवंटन की मांग,18 साल तक के बच्चों की मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा और पीड़ित बच्चों के पुनर्वास के लिए बाल मजदूर पुनर्वास कोष बनाया जाये. विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर जिले में बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए काम कर रहे संगठन जन केंद्र ने कहा कि बाल अधिकारों के मोर्चे पर जिला प्रशासन व नागरिक समाज में जो सजगता व समन्वय दिख रहा है. उससे यह विश्वास जगता है कि हम जल्द ही बाल श्रम मुक्त किशनगंज का सपना साकार होते देखेंगे. जन निर्माण केंद्र देश में बाल अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए देश के नागरिक समाज के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी संगठन है. जेआरसी के 250 से भी ज्यादा सहयोगी संगठन देश के 418 जिलों में जमीन पर बाल श्रम, बाल विवाह, बाल यौन शोषण और बच्चों की ट्रैफिकिंग के खिलाफ काम कर रहे है. जेआरसी ने बच्चों की सुरक्षा के लिए कानूनी हस्तक्षेप कार्यक्रम न्याय तक पहुंच के जरिए पिछले दो वर्षों में 85,000 से ज्यादा बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया है और 54,000 से ज्यादा मामलों में कानूनी कार्रवाई शुरू की. जन निर्माण केंद्र के निदेशक राकेश कुमार सिंह ने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि बाल श्रम के खात्मे की दिशा में दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारत का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है और इसका श्रेय राज्य सरकार और जिला प्रशासन की सतर्कता और संवेदनशीलता को जाता है. उन्होंने बाल श्रम के खात्मे के लिए समग्र नीतिगत बदलावों, सरकारी खरीदों में बाल श्रम का इस्तेमाल कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति, 18 साल तक मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा, पीड़ित बच्चों के पुनर्वास के लिए बाल मजदूर पुनर्वास कोष की स्थापना, खतरनाक उद्योगों की सूची में विस्तार, राज्यों को उनकी विशेष जरूरतों के हिसाब से नीतियां बनाने, बाल मजदूरी के खात्मे के लिए सतत विकास लक्ष्य 8.7 की समयसीमा को 2030 तक बढ़ाने, दोषियों के खिलाफ सख्त व त्वरित कानूनी कार्रवाई की मांग की.
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