ठाकुरगंज.आनंद मार्ग के संस्थापक श्रीश्री आनंदमूर्ति जी का 104वां जन्मदिन मनाया गया. इस दिन को आनंदमार्गी आनंद पूर्णिमा के रूप में मनाते है. इस अवसर पर 6 घंटे का बाबा नाम केवलम अखंड कीर्तन का भक्तिमय माहौल में पांजण्य के साथ आयोजन किया गया. इसके उपरांत आनंद वाणी का वाचन विविध भाषाओं में किया गया. साथ ही आनंदमार्गियों ने साधना व पूजा अर्चना किए और श्रीश्री आनंदमूर्ति जी द्वारा रचित प्रभात संगीत भी गाए. इस मौके पर आनंदमार्ग प्रचारक संघ के जिला प्रमुख (भुक्ति प्रधान) सुमन भारती ने श्री श्री आनंदमूर्ति के अवतरण और कीर्तन की महिमा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन गुरु श्रीश्री आनंदमूर्ति जी का जन्म बुद्ध पूर्णिमा के दिन 1921 में जमालपुर में एक साधारण परिवार में हुआ था और 21 अक्तूबर 1990 को आनंद मार्ग के केंद्रीय कार्यालय तिलजला, कोलकाता में उन्होंने अपना शरीर त्यागा. उन्होंने मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए तांडव व कोशिकी सहित मानसिक व आध्यात्मिक विकास के लिए साधना का मार्ग प्रशस्त करने तथा आत्मा की मुक्ति के साथ समाज सेवा के उद्देश्य से 1955 में आनंद मार्ग प्रचारक संघ की स्थापना की थी. कार्यक्रम में आचार्य लीलाधीशानन्द अवधूत, कृष्ण कुमार सिंह, अमोद साह, चयन कुमार, प्रकाश मंडल, त्रिलोकी साह, राजीव रंजन, गोपाल मंडल, लता कुमारी, विद्या नाथ यादव, सरस्वती देवी, चन्द्रमाया देवी, मंगला देवी, पुष्पा देवी, लक्ष्मी देवी, कमला देवी, नीतीश यादव आदि सहित आनन्दमार्गी मौजुद थे.
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