ठाकुरगज प्रखंड के बसीर नगर गांव में बच्चों की शिक्षा भगवान भरोसे चल रही है. यहां दो कमरों में एक से पांच तक की कक्षाएं चल रही है. एक कक्षा के आधे हिस्से में स्कूल का कार्यालय भी बना हुआ है. प्राथमिक विद्यालय बसीरनगर में आठ शिक्षक हैं. 19 वर्ष पूर्व अस्तित्व में आये इस स्कूल को अपनी भूमि नहीं होने के कारण सामुदायिक भवन में शिफ्ट किया गया. 19 वर्षो के बाद भी यहां मूलभूत सुविधाओं की कमी है. यहां बिजली और शौचालय का अभाव है जिस कारण शिक्षक, शिक्षिकाएं और छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बताते चले विद्यालय में 138 बच्चे नामांकि है. एक कमरे में कक्षा एक और दो तो वहीं दूसरे कमरे में तीन, चार व पांच कक्षा संचालित होती है. विद्यालय की इतनी दर्दनाक हालत है फिर भी कुछ नहीं हो रहा है तो सरकार की ओर से मिलने वाली राशि का उपयोग कहां होता है. बताते चले वित्तीय वर्ष 21-22 से समग्र अनुदान राशि के रूप में विद्यालय को पचास हजार की राशि मिलनी आरंभ हुई थी. इसके अलावे प्रधान शिक्षिका काजल कुमारी का कहना है कि समग्र अनुदान की राशि का इस्तेमाल नहीं किया गया है वह राशि बैंक खाते में ज्यों का त्यों पड़ा हुआ है. हालांकि उन्होंने माना कि विभाग से मिलने वाली अन्य राशियों से विद्यालय में फर्नीचर, गोदरेज, टेबुल व कुर्सी की खरीदारी की गई है. इतने के बाद भी उच्च अधिकारी की ओर से अब तक कोई कदम नहीं उठाना आश्चर्य की बात है. ठाकुरगंज प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अवधेश कुमार शर्मा का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है. वरीय अधिकारियों के दिशा निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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