किशनगंज.सीमावर्ती अल्पसंख्यक बहुल किशनगंज संसदीय क्षेत्र में राज्य के दूसरे जिलों की तुलना में इस जिले में जातिगत आधार पर चुनाव होता रहा है.लेकिन इस बार की चुनावी जंग में अंतिम समय तक कांटे की टक्कर रही.और अंतिम चरण की काउंटिंग तक सांस रोककर लोग फैसले का इंतज़ार करते रहे और जिले की जनता ने एक बार फिर कांग्रेस पर भरोसा जताया है. 2009 एवं 2014 के संसदीय चुनावों में दिवंगत मौलाना असरारुल हक कासमी को जीत मिली थी. 2019 में में मोहम्मद जावेद ने पहली बार जीत का परचम लहराया था और ये लगातार दूसरी बार उनके सर जीत का सेहरा बंधा है. हालांकि जेडीयू के मास्टर मुजाहिद आलम पहले राउंड से ही लगातार उन्हें टक्कर दे रहे थे. वे दूसरे स्थान पर रहे.
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