185 मेगावाट उत्पादन क्षमता
यह सोलर पावर प्लांट 185 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता से सुसज्जित होगा. इसकी सबसे खास विशेषता यह है कि इसमें बैटरी स्टोरेज की सुविधा दी जा रही है. दिन के समय उत्पन्न होने वाली सौर ऊर्जा को बैटरियों में संग्रहित किया जाएगा और शाम 7 बजे से रात 11 बजे के पीक समय में उपयोग किया जा सकेगा. इससे बिजली वितरण कंपनियों को महंगे दरों पर बिजली खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी.
बिजली उत्पादन की दिशा में अहम पहल
कजरा सोलर प्रोजेक्ट न सिर्फ बिजली उत्पादन की दिशा में अहम पहल है, बल्कि यह स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार का अवसर भी लेकर आया है. इस परियोजना के चलते लखीसराय और आसपास के इलाकों में तकनीकी प्रशिक्षण और रोजगार के नए द्वार खुल रहे हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि इस प्रकार की हरित ऊर्जा परियोजनाएं बिहार को पर्यावरणीय संरक्षण, ऊर्जा आत्मनिर्भरता और सतत विकास की दिशा में मजबूत आधार प्रदान करेंगी.
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