Liquor Ban In Bihar: बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur Alcohol) जिले के एक गांव में पिछले तीन दिन में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने ( Poisonous Alcohol Death In Bihar) से पांच लोगों की मौत हो चुकी है. इस घटना को लेकर अब सियासत शुरू हो गई है. तेजस्वी यादव (Tejashwi yadav) के बाद भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने बिहार सरकार पर निशाना साधा है.
महबूब आलम ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा क कि राजनेता एवं प्रशासन के गठजोड़ के संरक्षण में बिहार में धड़ल्ले से अवैध शराब का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी केवल कागज पर है, उलटे प्रशासन और शराब माफिया ही गरीबों को शराब बनाने के लिये बाध्य करते हैं. बाद में अपना पल्ला झाड़ लेते हैं.
उन्होंने कहा कि विधानसभा में यह सवाल उठाया जायेगा. महबूब आलम ने कहा कि यह कोई गोपालगंज की घटना नहीं है, बल्कि मुजफ्फरपुर में भी विगत दिनों ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां चार लोगों की मौतें हो गयी हैं. गोपालगंज में जांच दल में हमारे साथ फुलवारी विधायक गोपाल रविदास भी घटनास्थल पर गये थे.
महबूब आलम ने कहा कि गोपालगंज के विजयीपुर में लगातार कई मौतों से इलाके में दहशत का माहौल है, लेकिन जिला प्रशासन हकीकत को छुपाने में लगा हुआ है. वहां के डीएम ने बयान दिया है कि मजदूरों की मौत जहरीली शराब से नहीं बल्कि उनकी स्वभाविक मौत हुई है. यह वक्तव्य सरासर गलत है. हमने ग्रामीणों से बातचीत के आधार पर पाया कि ये मौतें जहरीली शराब के कारण हुई है, लेकिन प्रशासन के दबाव के कारण मृतकों के परिजन यह सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं.
उन्होंने सरकार से सभी मृतक मजदूरों को 10 लाख और घायलों के समुचित इलाज के लिए पांच लाख रु. मुआवजा देने की मांग की. कहा कि सभी घायलों का समुचित इलाज होना चाहिए और उन्हें तत्काल पीएमसीएच पटना रेफर किया जाना चाहिए.
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Posted By; Utpal kant