सदर अस्पताल के कैंपस में अवैध रूप से कार्यरत शौचालय के कारण गंदगी व संक्रमण का खतरा है. इसे देखते हुए संबंधित को नोटिस देते हुए खाली करवाने का निर्देश दिया गया. आवश्यकता होने पर नगर आयुक्त से भी मदद लेने कहा गया.
वर्तमान में जिले में टीकाकरण की समेकित उपलब्धि 84 प्रतिशत है. इसमें वृद्धि लाते हुए न्यूनतम 90 प्रतिशत की उपलब्धि प्राप्त करने का निर्देश दिया गया. आगामी माह में लक्ष्य से कम उपलब्धि प्राप्त करनेवाले स्वास्थ्य प्रबंधकों के मानदेय में से 10 प्रतिशत की कटौती और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व सीडीपीओ के विरुद्ध प्रपत्र ‘क’ गठित किया जायेगा.
भीड़ बहुत हो रही, जांच केंद्र की जगह बदलेगी
सदर अस्पताल में जांच के लिए भीड़ को देखते हुए जांच केंद्र नये भवन में स्थानांतरित करने और मॉडल जांच केंद्र बनाने का निर्देश दिया गया. सदर अस्पताल को निजी अस्पतालों से बेहतर मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया गया. मिशन 60 के तहत पायी गयी कमियों को 15 दिन में दूर करने कहा गया. साथ ही ऑर्थोपेडिक व सामान्य सर्जरी की सुविधा अविलंब प्रदान करने कहा गया. गत माह में नारायणपुर व बिहपुर में दो-दो गर्भवती महिलाओं की मौत हुई थी. निर्देश दिया गया कि शत प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व चार एएनसी जांच करते हुए संभावित जटिल प्रसवों पर विशेष ध्यान दें.
ओपीडी की उपलब्धि 45 प्रतिशत, भरोसा जगाने का निर्देश
लक्ष्य के मुकाबले ओपीडी की उपलब्धि 45 प्रतिशत पायी गयी. इस पर खेद व्यक्त किया गया. डीएम ने कहा कि अस्पताल पर आम लोगों का भरोसा होगा, तभी ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ेगी. अगली बैठक में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की भी उपलब्धि का आंकड़ा पेश किया जायेगा. सबसे कम उपलब्धि वाले संस्थानों में कहलगांव, पीरपैंती व शाहकुंड हैं. आगामी माह में इसमें सुधार नहीं होने पर स्वास्थ्य प्रबंधकों के मानदेय से 10 प्रतिशत की कटौती होगी. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के विरुद्ध प्रपत्र ‘क’ गठित होगा.
सुलतानगंज व नाथनगर में भी मिलेगी सिजेरियन प्रसव सुविधा
वर्तमान में सदर अस्पताल, कहलगांव व नवगछिया में सिजेरियन प्रसव की सुविधा प्रदान की जा रही है. सुलतानगंज व नाथनगर में भी सिजेरियन प्रसव की सुविधा प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया. जिलास्तरीय व प्रखंडस्तरीय पदाधिकारियों को सप्ताह में दो दिन क्षेत्र भ्रमण करते हुए स्वास्थ्य सेवा में सुधार लाने का निर्देश दिया गया. एसएनसीयू व एनआरसी में भर्ती बच्चों की संख्या बढ़ी है. सदर अस्पताल में वर्तमान में कुल 119 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं. इसमें डायबिटिज, ब्लड प्रेशर की दवाइयां भी शामिल हैं.