बोधगया : भगवान विष्णु व भगवान बुद्ध की पावन धरती ने विश्व शांति और बंधुत्व में जो अहम भूमिका निभायी है, इसके संबंध में विस्तृत रिसर्च के लिए बोधगया मठ तथा मगध विश्वविद्यालय के बीच एक एमओयू साइन किया गया है. इसका उद्देश्य महाबोधि मंदिर तथा बोधगया मठ के महत्व पर अनुसंधान तथा विश्व बंधुत्व और सह अस्तित्व के साथ में किस प्रकार से दुनिया में शांति और भाईचारे का संदेश दिया जा रहा है, इस विषय को पूरी दुनिया के सामने लाना है. इससे विभिन्न क्षेत्रों में दोनों संस्थाओं के सहयोग से अनुसंधान होगा. इसमें मगध विश्वविद्यालय के इतिहास, दर्शनशास्त्र, पुरातात्विक विभाग तथा पूरे विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों व प्राध्यापकों द्वारा मठ के लाइब्रेरी व मठ में रखी विभिन्न पांडुलिपियों का अध्ययन करने के साथ संयुक्त रूप से उसका प्रकाशन करवाना है. साथ ही, बोधगया मठ के हजारों वर्ष की परंपरा, जिसके माध्यम से राष्ट्र निर्माण में विभिन्न क्षेत्रों में काम किये, उसको समाज के सामने लाना है. अनुबंध के अनुसार मगध विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को बोधगया मठ में इंटर्नशिप की सुविधा प्रदान करना तथा उनको प्रमाणपत्र देना शामिल है. साथ ही, मगध विश्वविद्यालय में धर्म, अध्यात्म, दर्शन तथा इतिहास के विभिन्न विषयों पर समय-समय पर सेमिनार का आयोजन करवाना, जिसमें मुख्य रूप से मठ, मंदिर तथा संन्यासियों की राष्ट्र निर्माण में जो भूमिका रही है, इसका अध्ययन व पुस्तक प्रकाशन करवाना है. मगध विश्वविद्यालय व बोधगया मठ के इस अनुबंध के अनुसार मगध विश्वविद्यालय में बोधगया मठ पीठ की स्थापना भी करना है, जिसके अंतर्गत मठ के संबंधित विषयों पर रिसर्च तथा पाठ्यक्रम का निर्धारण करना शामिल है, जिससे विद्यार्थियों को लाभ हो. भारतवर्ष में ऋषि परंपरा को समझते हुए भारतीय शिक्षा प्रणाली के अनुसार चरित्र और व्यक्तित्व निर्माण करना है इसका उद्देश्य भी है.
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