::: सिजेरियन डिलीवरी बढ़ाने की कवायद के बावजूद रात में चिकित्सकों की अनुपस्थिति, प्रसूताओं की संख्या घटी :::वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल के मातृ-शिशु चिकित्सा केंद्र (एमसीएच) में 33 जीएनएम और 13 महिला चिकित्सक तैनात हैं, लेकिन इसके बावजूद रात के समय यहां चिकित्सक उपलब्ध नहीं रहते. यह स्थिति तब है, जब सरकार सिजेरियन डिलीवरी (सी-सेक्शन) की संख्या बढ़ाने के लिए कई स्तरों पर निगरानी कर रही है. इस मामले को लेकर अपर निदेशक डॉ. सरीता कुमारी ने सिविल सर्जन से रिपोर्ट तलब की है. रात में एमसीएच में कोई महिला चिकित्सक मौजूद नहीं रहती, जिसके चलते प्रसूताओं की संख्या में कमी आई है. रात के समय जन्म लेने वाले शिशुओं को भी शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं देख पाते. सरकार द्वारा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए लगातार मॉनिटरिंग के बावजूद यह स्थिति बनी हुई है. बताया जाता है कि रात में आने वाली प्रसूताओं का ऑपरेशन करने से चिकित्सक बचती हैं और उन्हें तुरंत श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एसकेएमसीएच) रेफर कर दिया जाता है. रेफर के इस खेल को रोकने के लिए पूर्व सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा ने त्रिस्तरीय कमेटी बनाई थी, लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद यह कमेटी निष्क्रिय हो गई. वर्तमान अधीक्षक डॉ. बीएस झा के योगदान के बाद स्थिति में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन रात में इमरजेंसी और एमसीएच में चिकित्सकों की अनुपस्थिति की शिकायतें अब भी मिल रही हैं. इससे मरीजों में आक्रोश है और रात में प्रसूताओं की संख्या में कमी देखी जा रही है.
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