बज्जिका भाषा संयुक्त संघर्ष समिति ने समाहरणालय में की बैठक
उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
सीताकांत महापात्रा की अनुशंसा को शीघ्र लागू किया जाये.बज्जिका जब तक रोजी-रोटी से नहीं जुड़ेगी, तब तक इस भाषा का विकास संभव नहीं है. सरकार बज्जिका को संविधान की अष्टम सूची में शामिल किया जाये.डाॅ उषा किरण श्रीवास्तव ने कहा कि जब तक बज्जिका को संविधान की अष्टम सूची में शामिल नहीं किया जायेगा,तब तक हम बज्जिकांचल के लोग चैन से नहीं बैठेंगे.
बज्जिका में पठन-पाठन पर जोर
बज्जिकांचल विकास पार्टी के अध्यक्ष देवेंद्र राकेश ने कहा कि बज्जिका हमारी आन-बान-शान है. हम अंतिम सांस तक बज्जिका को संविधान की अष्टम सूची में शामिल करने हेतु लड़ेंगे. डा पुष्पा गुप्ता ने बज्जिका में पठन-पाठन पर बल दिया. डॉ हरि किशोर प्रसाद सिंह ने कहा कि बज्जिका को संविधान की अष्टम सूची में शामिल करने से ही बज्जिका का विकास संभव है.
बज्जिका की अवहेलना अदूरदर्शी सोच
मोहन प्रसाद सिंह ने कहा कि बज्जिका हमारी पहचान है. इसे संविधान की अष्टम सूची में शामिल कराना हमारा कर्तव्य है. प्रमोद नारायण मिश्र ने कहा कि बज्जिका की अवहेलना सरकार की अदूरदर्शी सोच है. मौके पर संगीता सागर, रमेश प्रसाद श्रीवास्तव, श्वेता, आरती, सुप्रिया, तन्नु प्रिय, काजल व शिवम गोपाल ने भी अपने विचार रखे. धन्यवाद ज्ञापन मधुमंगल ठाकुर ने किया.
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