नए निर्देश और अपील
निबंधन विभाग की तरफ से जारी निर्देशों के अनुसार, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट से जुड़े इन तीनों निबंधन कार्यालयों के अंचलाधिकारियों को जमाबंदी अपडेट करने का आदेश दिया है. साथ ही, आम जनता से अपील की गई है कि वे प्लॉट खरीदने से पहले यह बात सुनिश्चित करें कि जमीन बेचने वाले के नाम से जमाबंदी दर्ज है कि नहीं. यदि जमीन संयुक्त जमाबंदी के तहत है तो हिस्सेदार मालिक की लिखित सहमति अनिवार्य है ताकि भविष्य में किसी तरह का कोई विवाद न हो.
आवेदन खारिज होने की वजह
जमाबंदी आवेदन में अन्य हिस्सेदारों से संबंधित तथ्य गलत होने पर आवेदन खारिज हो सकता है. ऐसी स्थिति में भूमि सुधार उपसमाहर्ता के न्यायालय में इसको लेकर अपील करनी होगी. संयुक्त जमाबंदी को अलग करने के लिए वंशावली को अपडेट करना, सहमति बंटवारा पत्र या न्यायालय के आदेश के आधार पर बंटवारा पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है.
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राज्य में जमीन सर्वे सहित राजस्व संबंधी मामलों को लेकर हर जिले के लिए डाटा बैंक तैयार किया जा रहा है. इस डाटा बैंक में जमीन सर्वे के लिए किये गये आवेदन सहित सभी तरह की प्रक्रिया की जानकारी सुरक्षित रखी जायेगी. इसके साथ ही सभी तरह के राजस्व दस्तावेजों को भी सुरक्षित रखने की व्यवस्था होगी. इससे जमीन सर्वे सहित राजस्व संबंधी मामलों को लेकर ऑनलाइन सेवाओं में आने वाली आमलोगों की परेशानियां दूर हो सकेंगी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एनआइसी के साथ मिलकर इस पर मंथन शुरू कर दिया है. विभाग की एक तकनीकी टीम को नयी दिल्ली स्थित एनआइसी मुख्यालय भेजा गया है. अब बहुत जल्द नयी व्यवस्था लागू कर दी जायेगी.
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