पिछले साल से ही जांच के दायरे में थे आरोपी
एनआईए के अनुसार ये आरोपी पिछले साल मई से ही जांच के दायरे में थे और इन लोगों ने नक्सलियों और अपराधियों तक प्रतिबंधित हथियारों की अवैध तरीके से खरीद-फरोख्त और तस्करी की साजिश रची और उसमें सक्रिय रूप से शामिल भी थे. एनआईए के अनुसार इन आरोपियों ने हथियार खरीदने के लिए फंड इकट्ठा किया और उसका इस्तेमाल भी किया. यह सब एक साजिश के तहत किया गया था, जिसका मकसद देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाना था.
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पटना की एनआईए स्पेशल कोर्ट में दाखिल हुई चार्जशीट
पटना की एनआईए स्पेशल कोर्ट में गुरुवार को दाखिल की गई सप्लीमेंट्री चार्जशीट में चारों आरोपियों पर आईपीसी की धारा 120बी और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून यूएपीए की धाराएं 13 और 18 के तहत केस दर्ज किया गया है. यह मामला बिहार के मुजफ्फरपुर में एके-47 राइफल की बरामदगी से जुड़ा है. एनआईए के मुताबिक, 7 मई 2024 को मुजफ्फरपुर रेल पुलिस ने विकास और सत्यम के पास से एके-47 राइफल का बट और एक राइफल लेंस बरामद किया था.
गुनाह कबूल चुके हैं आरोपी
जांच में दोनों ने स्वीकारा था कि उन्होंने एक एके-47 राइफल और 5 जिंदा कारतूस देवमणि राय उर्फ अनीश को दिए थे. बाद में देवमणि के घर की तलाशी में राइफल और कारतूस बरामद किया गया. इस मामले में इन तीनों के साथ-साथ अहमद अंसारी को भी गिरफ्तार किया गया है.
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