जब ये गीत को खुद गाने लगे तो लोगों ने इसे काफी पसंद किया. हाल ही में पप्पू सोशल मीडिया में काफी चर्चित हुये हैं. लोग इन्हें सुन कर मुग्ध हो रहे हैं. पप्पू को इस बात का कोई मलाल नहीं है कि इनकी शिक्षा नहीं हो सकी, ये गीत लिखने और गाने में शिद्दत से जुटे हुये हैं. चाहे प्रेम गीत हो या आध्यात्मिक, पप्पू इसमें गहरे उतर जाते हैं. हैरानी की बात यह भी है कि पप्पू ने संगीत की शिक्षा नहीं ली है, लेकिन ये बडृे लय में गाते हैं. इससे इन्हें काफी सराहना मिलती है.
2015 से किया था गीत लेखन की शुरुआत
पप्पू ने वर्ष 2015 से गीत लेखन की शुरुआत की थी. इन्होंने पहला गीत प्रेम पर लिखा था, जिसके बोल थे मिलने को हैं लोग तरसते, वाणी से हैं फूल बरसते. इसके बाद से ये निरतंर गीत लिखते रहे और गाते रहे. अभी हाल में ही संग जिये के वादा कइलू गीत इनका काफी चर्चित हुआ है. पप्पू बताते हैं कि वे दो भाई हैं. पिता नवल किशोर सिंह का निधन हो चुका है. बड़े भाई काम करते हैं, उसी से घर चलता है.
पप्पू को किसी तरह की सरकारी सुविधा नहीं मिली है. सरकारी स्तर पर दिव्यांगों को मिलने वाली सुविधा इन्हें मिल जाये तो इनका काम आसान हो जायेगा. पप्पू ने कहा कि उनके पास स्मार्ट फोन हो तो ये अपना गाना रिकॉर्ड कर कहीं भेज भी सकते हैं. शायद किसी फिल्म निर्माता को इनका गाना पसंद आ जाये. तो इन्हें गीत लेखन में एक बड़ा फलक मिल जायेगा