क्या है निलामवाद का मामला?
निलामवाद उन मामलों में है, जिसमें किसी व्यक्ति या संस्था पर सरकारी विभाग, बैंक, या अन्य वित्तीय संस्थाओं का बकाया होता है, और बार-बार नोटिस के बावजूद वे राशि का भुगतान नहीं करते. ऐसी स्थिति में, सरकार या संबंधित संस्था बकाया वसूलने के लिए कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेती है, जिसमें संबंधित व्यक्ति की चल-अचल संपत्ति की कुर्की-जब्ती या गिरफ्तारी शामिल हो सकती है. “बॉडी वारंट” का अर्थ है कि बकायादार को व्यक्तिगत रूप से गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया गया है.
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किस तरह के बकायेदार हैं निशाने पर?
यह कार्रवाई मुख्य रूप से उन लोगों पर केंद्रित है जिन्होंने विभिन्न सरकारी योजनाओं, ऋणों, या अन्य मदों में सरकार का पैसा नहीं चुकाया है. इसमें कृषि ऋण, सरकारी योजनाओं के तहत लिए गए कर्ज, राजस्व बकाया, या अन्य किसी भी प्रकार का सरकारी उधार शामिल हो सकता है.
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जिलावार लंबित वाद और वसूली की स्थिति
जिला – निर्धारित लक्ष्य – वसूली करोड़ – लंबित वादों की संख्या
- मुजफ्फरपुर : 500.85 : 11.64 : 37223
- सीतामढ़ी : 312.93 : 1.18 : 11580
- वैशाली : 329.04 : 1.49 : 21704
- पूर्वी चंपारण : 751.99 : 8.7491 : 58607
- पश्चिम चंपारण : 435.53 : 5.3250 : 29934
- शिवहर : 62.88 : 0.48 : 2326