Chamki Bukhar : पीपल की छांव में चौपाल लगाकर जानकारी देंगे अधिकारी, चमकी-बुखार बचने का बताएंगे उपाय

Chamki Bukhar : मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार के मामले अन्य जिलों की तुलना में अधिक पाए जाते हैं. गर्मी के मौसम में चमकी बुखार के मरीज अधिक हो जाते है. स्वास्थ्य विभाग चमकी बुखार को रोकने के लिए उपाय कर रहा है और अलर्ट है. बतादें कि एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम को बोलचाल की भाषा में लोग चमकी बुखार कहते हैं. इस संक्रमण से ग्रस्त रोगी का शरीर अचानक सख्त हो जाता है और मस्तिष्क व शरीर में ऐठंन शुरू हो जाती है.

By Radheshyam Kushwaha | April 1, 2025 6:59 PM
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कुमार दीपू . मुजफ्फरपुर जिले में तीन दशकों से लाइलाज बन चुकी चमकी-बुखार (Chamki Bukhar) यानि एईएस से बचाव के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए गांव-गांव में पीपल की छांव में चौपाल लगाकर बीमारी से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करेंगे. प्रत्येक शनिवार को ये अधिकारी अपने चौपाल में गांव की महिलाओं, बुजूर्ग व जनप्रतिनिधियों को बचाव के तकनीक बचाएंगे. इसमें रात के समय बच्चों को खाली पेट नहीं सुलाने, धूप में नहीं जाने देने और चमकी-बुखार का लक्षण आने पर तुरंत नजदीक के अस्पताल में ले जाने के लिए प्रेरित करेंगे.

अधिकारियों ने पहले चरण में 285 पंचायतों को लिया गोद

इसके लिए सभी अधिकारियों ने पहले चरण में 285 पंचायतों को गोद लिया. दूसरे चरण में शेष पंचायतों को भी गोद अन्य अधिकारी लेंगे. प्रत्येक माह ये अधिकारी गोद लिए गांवों में रात्रि विश्राम भी करेंगे. अगले दिन सुबह स्थानीय आंगनवाड़ी सेविका, सहायिका, जीविका दीदियों, विकास मित्र व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ प्रभात फेरी निकालते हुए जागरुकता अभियान चलाकर बीमारी के लक्षण और बचाव की जानकारी देंगे. प्रत्येक पदाधिकारियों प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, महादलित टोला के प्राथमिक विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों एवं सामुदायिक भवनों पर दीवाल लेखन, हैंडविल, पंपलेट वितरण का निगरानी करने के साथ-साथ अपने-अपने पंचायत में गृह भ्रमण कर एईएस/चमकी बुखार के संबंध में सघन जागरुकता कार्यक्रम चलाएंगे.

जागरुकता कार्यक्रम का होगा मॉनिटरिंग

इसके साथ ही सभी स्कूलों में बच्चों के बीच चलाये जा रहे जागरुकता कार्यक्रम का मॉनिटरिंग भी करेंगे. आंगनबाड़ी सेविका एवं आशा कार्यकर्ता ओआरएस का वितरण करेंगी. पंचायत प्रतिनिधियों, आंगनवाड़ी सेविका, आशा कार्यकर्ता, विकास मित्र आदि को एक्सपर्ट के रूप में काम करना होगा. सभी प्रखंडों के वरीय प्रभारी पदाधिकारियों को पूरे प्रखंड क्षेत्र में एईएस/चमकी बुखार से संबंधित जागरुकता एवं संस्थागत चिकित्सा सुविधाओं से संबंधित कार्यों का भी मॉनिटरिंग करेगे.

इस वर्ष मरीज सबसे अधिक आने की आशंका

अब तक के ट्रेंड के मुताबिक इस वर्ष एईएस से बड़ी संख्या में बच्चों के पीड़ित होने की आशंका जताई जा रही है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है. अप्रैल माह में ही टेंपरेचर और हीटवेव होने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है. वहीं जीरो डेथ पॉलिसी बनाकर एईएस से बचाव के लिए अभियान चलाया जा रहा है.

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