फैंसी नंबरों का क्रेज! एक साल में 23.91 करोड़ रुपये खर्च, दूसरे नंबर पर मुजफ्फरपुर
च्वाइस नंबर पर एक साल में बिहारवासियों ने खर्च किये 2391 लाख
– उत्तर बिहार के 11 जिलों में 543.09 लाख रुपये खर्च किये
– पटना में 5709, मुजफ्फरपुर में 1230 गया में 921 वाहन मालिकों ने एक्सट्रा शुल्क देकर खरीदा च्वाइस नंबर
– बिहार में 14721 वाहन मालिकों ने खरीदे च्वाइस नंबर
कुमार गौरव
, मुजफ्फरपुर
दूसरे कैटेगरी में अधिक नंबर डबलिंग वाले
दूसरे कैटेगरी में 0002, 0004, 0006, 0008 के अलावा 0010, 0011, 0022 डबलिंग वाले नंबर अधिक है. इसी में 1000, 2000 तो 1111, 2222 आदि नंबर आते है. वहीं तीसरे कैटेगरी में 1100, 1200, 2001, 0100, 0101, 0202 आदि नंबर आते है. चौथे कैटेगरी में 1010, 1212, 4848, 4041, 6061, 1020 के अलावा 1983, 2001, 2017, 2029 आदि नंबर आते है. नंबर की च्वाइस लोगों की अलग अलग होती है. कोई अपने जन्मतिथि के साल का तो कोई शादी के साल का नंबर लेते है. कोई ज्योतिष शास्त्र को लेकर तो कोई अपने स्टेटस सिंबल को लेकर इन नंबरों की खरीदारी करते है. इन चार कैटेगरी के अलावा जो अन्य आपका लक्की या मन पसंदीदा नंबर है तो उसके लिए आपको 15,000 रुपये तक देने होते है. कैटेगरी के अलावा जो नंबर मिलते है इसमें ई-नीलामी नहीं होती है, पहले आओ पहले पाओ के आधार पर यह नंबर एलॉट होता है.
आंकड़ा टॉप जिलों का
पटना5709974.97
गया921135.29
मोतिहारी51991.00
रोहतास65477.75—————————————————-
उत्तर बिहार के जिले का आंकड़ा
जिलाफैंसी नंबर की संख्याराशि (लाख रुपये)
मोतिहारी51991.00
दरभंगा23245.55
वैशाली24139.87
छपरा18531.27
समस्तीपुर9820.17
शिवहर102.54
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