मुजफ्फरपुर. निषाद शिक्षक-कर्मचारी-पदाधिकारी संयुक्त मंच के तत्वावधान में आयोजित वीरांगना फूलन देवी स्मृति सभा को संबोधित करते हुए वीआइपी सुप्रीमो व बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि शिक्षा ही वो हथियार है जो समाज का दशा और दिशा तय करता है. जातीय गणना में निषाद समाज बिल्कुल निचले पायदान पर खड़ा है. कहा कि अगर हमारे समाज को एससी-एसटी में शामिल किया जाता हैं तो समाज का सर्वांगीण विकास संभव हो पाएगा. जब पश्चिम बंगाल व दिल्ली में निषाद को आरक्षण का लाभ मिल सकता है तो बिहार में क्यों नहीं. कहा कि ब्रिटेन की एक प्रतिष्ठित मैगजीन ने वीरांगना फूलन देवी को विश्व की चौथी क्रान्तिकारी महिला का दर्जा दिया है. मंच के माध्यम से वीरांगना फूलन देवी को भारत रत्न देने की मांग उठायी गयी. संयोजक मुनिलाल सागर व सह संयोजक राकेश कुमार ने कहा कि हम कलम के पुजारी. समाज उत्थान में कलम जितनी मजबूत होगी समाज उतना ही उन्नत व विकसित होगी. कार्यक्रम का संचालन श्रीनारायण सहनी ने किया. मौके पर संबोधित करने वाले में पूर्व आइपीएस नुरुल होदा, आइपीएस बीके सिंह, शत्रुघ्न सहनी, ललन सहनी, वीर बहादुर सहनी, नागेश्वर सहनी, डॉ ब्रह्मानंद सहनी, रामनरेश सहनी, संजीत सहनी, शंकर बिहारी, प्रयाग सहनी, महावीर सहनी, सुधीर सहनी, दीपन सहनी, जयपाल शरण, अर्जुन सहनी, कन्हाई सहनी, रामबालक सहनी, राजू सहनी, विद्या सागर निषाद, विक्रम जयनारायण निषाद, युगल किशोर सहनी, पिंकी सहनी, विश्वनाथ सहनी, बैद्यनाथ सहनी, रामपूजन सहनी, मनोज सहनी, चंदन सहनी, गरीबन सहनी, संतोष निषाद, कमल सहनी, ओमप्रकाश सहनी, डॉ विनय सहनी समेत अन्य मौजूद थे.
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