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– महिला सशक्तीकरण के दावे नहीं हो रहे हैं पूरे
Muzaffarpur Newsबिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ ने रसोइया सहित अन्य स्कीम वर्करों की समस्याओं के बाबत कलेक्ट्रेट में धरना दिया. संघ के जिला सचिव परशुराम पाठक ने कहा कि न्यूनतम मजदूरी कानून का उल्लंघन करते हुए रसोइयों से 12 महीने काम कराते हुए सिर्फ 10 महीने का भुगतान होता है. आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित तमाम स्कीम वर्करों को मामूली पैसे पर काम करानेवाली सरकार महिला सशक्तीकरण का झूठा नारा दे रही है. 2014 से रसोइयों के मानदेय में केंद्र सरकार ने अपने हिस्से में कोई वृद्धि नहीं की है. यदि सरकार मांगों को पूरा नहीं करेगी तो 20 मई को हड़ताल किया जायेगा.
डीएम को मांग पत्र सौंपा गया
इसके बाद पीएम के नाम डीएम को मांग पत्र सौंपा गया. जिसमें वेतन निर्धारण के पूर्व न्यूनतम 10 हजार मासिक मानेदय 12 महीने देने, एनजीओ को मध्याह्न भोजन योजना से अलग करने, रसोइयों को दुर्घटना बीमा व स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने, सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत रसोइयों के लिए तीन हजार मासिक पेंशन की गारंटी की करने सहित अन्य मांगें रखी. कार्यक्रम में रसोइया संघ की जिलाध्यक्ष लीला, नीलकमल, राजू यादव, महाकांत झा, रेखा, पिंकी, गीता, रीना, पूनम, अनारसी, संजय दास, शंभु, बबनी, आशा सहित अन्य मौजूद थे. संचालन परशुराम पाठक ने किया.
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