प्रतिदिन सैकड़ों पेटी लीची दूसरे जिलों में भेजी जा रही
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
ट्रेन के अलावा बस से भी प्रतिदिन सैकड़ों पेटी लीची दूसरे राज्यों में जा रही है. इसमें सबसे अधिक लीची उत्तर प्रदेश, दिल्ली, रांची, सिल्लीगुड़ी जा रही है. दिल्ली की एक बस में औसतन 25 से 30 पेटी लीची बुक करके भेजी जा रही है. कुछ तो यात्री खुद भी लेकर जाते हैं. इसके अलावा बस कंडक्टर को कुछ पैसे देकर लोग दिल्ली में रह रहे अपने रिश्तेदार व दोस्तों को लीची की पहुंचा रहे हैं. लीची यहां बस में लोड करने के बाद दिल्ली में रह रहे अपने रिश्तेदार को बस के दिल्ली पहुंचने का समय और कंडक्टर का मोबाइल नंबर दे देते हैं जहां वह लीची रिसिव करते हैं. वहीं दिल्ली वाली बस जिसका यूपी में कही स्टॉपेज होता है वहां भी इसी बस से लीची लोग अपने दोस्त रिश्तेदार को भेज रहे हैं. एक दिन में दिल्ली के लिए औसतन 60 से 70 गाड़ियां खुल रही हैं. इसके अलावा रांची व सिल्लगुड़ी की बस में लीची के लिए स्पेशल बुकिंग की जाती है. इनमें से एक बस में औसतन 40 से 50 पेटी लीची जा रही है. लोकल में आसपास के जिलों में भी अच्छी खासी लीची की खेप लोग अपने रिश्तेदारी में भेज रहे हैं. मोटर फेडरेशन के प्रवक्ता कामेश्वर महतो ने बताया कि दूसरे जिले की बस हो या दूसरे राज्य जाने वाली. सभी बसों से अच्छी खासी लीची भेजी जा रही है. एक तो उसमें सफर कर रहे यात्री खुद अपने साथ लीची लेकर जाते हैं. इसके अलावा लोग कंडक्टर से संपर्क करके लीची अपने दोस्त – रिश्तेदार को भेजवा रहे हैं. कार्टून पर संबंधित व्यक्ति का नाम नंबर लिखकर कागज चिपकाया रहता है. वहीं पटना जाने वाली गाड़ियों में सबसे अधिक लीची भेजी जा रही है. बैरिया से रामदयालु के बीच में कई जगह लोग लीची बस में लदवाकर पटना में अपने पहचान वालों को भेजवा रहे हैं.
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