वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर जिले में बढ़ती गर्मी का असर अब लोगों के स्वास्थ्य पर दिखने लगा है. अस्पतालों में लू के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. हालांकि, चिकित्सक आधिकारिक तौर पर पर्ची पर लू का उल्लेख नहीं कर रहे हैं, लेकिन मरीजों में उल्टी, सिर में चक्कर आना और बेहोशी जैसे लक्षणों के आधार पर उनका उपचार किया जा रहा है. सरकारी अस्पतालों की बात करें तो रोजाना आठ से दस ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं, जिन्होंने धूप में निकलने के बाद इन समस्याओं की शिकायत की है. चिकित्सकों का कहना है कि क्षेत्र में तापमान लगातार बढ़ रहा है और मई में ही जून जैसी गर्मी का अनुभव हो रहा है. प्रचंड गर्मी को देखते हुए अस्पतालों ने मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए कई कदम उठाए हैं. अस्पताल परिसर में जगह-जगह ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) के पैकेट के स्टॉल लगाए गए हैं. सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार ने बताया कि पीएचसी से लेकर सदर अस्पताल तक ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों को ओआरएस के पैकेट मुफ्त में दिए जा रहे हैं. अस्पतालों में ओआरएस की खपत भी काफी बढ़ गई है. रोजाना प्रति मरीज को दो पैकेट दिए जा रहे हैं, जिससे प्रतिदिन लगभग सात से आठ हजार पैकेट की खपत हो रही है. इसके साथ ही, बाजार में ग्लूकोज डी की मांग भी बढ़ गई है, जिसे लोग गर्मी से राहत पाने के लिए खरीद रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि हर दिन बड़ी संख्या में लोग इसे खरीदने पहुंच रहे हैं. सदर अस्पताल ने लू और हीट स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों के तत्काल और बेहतर इलाज के लिए 15 बेड का वातानुकूलित विशेष वार्ड भी स्थापित किया है. अस्पताल प्रशासन के अनुसार, यह व्यवस्था हीट वेव के खतरे को देखते हुए किए गए निर्देशों के तहत की गई है. यह हीट वेव का समय है और अत्यधिक गर्मी तथा लू को देखते हुए प्राप्त निर्देशों के अनुसार ही अस्पताल में 15 बेड हीट वेव के मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं.
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