मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने व्यवस्था पर उठाया सवाल उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर जिले के चर्चित किडनी कांड मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेश के बावजूद बिहार सरकार विफल रही और सुनीता के लिए किडनी की व्यवस्था नहीं कर सकी. जिसके कारण सुनीता की जान चली गयी. इस मामले में मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग व राज्य मानवाधिकार आयोग में याचिका दाखिल की थी, जिसपर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार को किडनी ट्रांसप्लांट की व्यवस्था करने का आदेश दिया था, लेकिन मामले में सरकार का रवैया निराशाजनक था. मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने कहा कि सुनीता की मौत राज्य के पूरे स्वास्थ्य महकमे और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा करती है. यह सुनीता की मौत नहीं, उन सभी उम्मीदों की मौत है, जो राज्य भर के लोगों ने सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था से लगा रखी थी.
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