मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर गरहां-हथौड़ी-अतरार-बभनगामा-औराई सड़क परियोजना और बागमती नदी पर बनने वाले उच्चस्तरीय पुल के निर्माण का रास्ता अब साफ हो गया है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए करीब 25 गांवों में भूमि अधिग्रहण किया जाना है, जिसके लिए आवश्यक सामाजिक प्रभाव आकलन का कार्य पूरा हो चुका है. पटना की एक चयनित संस्थान ने अपनी रिपोर्ट जिला भू-अर्जन कार्यालय को सौंप दी है. रिपोर्ट में इस परियोजना को लोकहित में अत्यंत महत्वपूर्ण और लाभकारी बताया गया है. एसआईए रिपोर्ट के आधार पर अब भू-अर्जन कार्यालय द्वारा एमवीआर का निर्धारण किया जाएगा और फिर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा. हालांकि, इस परियोजना के कारण कुछ परिवारों को विस्थापित होना पड़ेगा. रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ऐसे विस्थापित परिवारों के लिए उचित पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. साथ ही, यह भी अनुरोध किया गया है कि भूमि के किस्म और दर का निर्धारण करते समय बाजार मूल्य को ध्यान में रखा जाए, ताकि प्रभावित रैयतों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े और उन्हें उनकी जमीन का उचित मुआवजा मिल सके. गौरतलब है कि गरहां-हथौड़ी-अतरार-बभनगामा-औराई पथ को फोरलेन में विकसित किया जाना है, जिस पर लगभग सात सौ करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इस परियोजना से न केवल स्थानीय कनेक्टिविटी में सुधार होगा बल्कि क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी नई दिशा मिलेगी.
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