Bihar News: बिहार में शराबबंदी के बावजूद तस्करों की हिम्मत कम नहीं हो रही है. लेकिन मुजफ्फरपुर की उत्पाद पुलिस ने गुरुवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए शराब तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया. रेवा पुल के पास से तीन वाहनों को रोककर जब तलाशी ली गई तो उनमें से 100 कार्टन विदेशी शराब बरामद की गई, जिसकी कीमत करीब 10 लाख रुपये आंकी गई है.
शातिराना अंदाज में की जा रही थी तस्करी
गिरफ्तार तस्करों ने स्कॉर्पियो की आगे की विंडशील्ड पर ‘पुलिस’ का बोर्ड लगा रखा था, जबकि पीछे BSF का स्टिकर चिपकाया गया था ताकि जांच से बचा जा सके. जब्त वाहन में एक पिकअप और दो स्कॉर्पियो शामिल हैं. पिकअप में शराब छिपाने के लिए विशेष तहखाना बनाया गया था, जो ड्राइवर केबिन और गाड़ी के बेसमेंट के बीच था.
उत्पाद निरीक्षक को मिली थी गुप्त सूचना
उत्पाद थाना प्रभारी दीपक कुमार को पहले ही सूचना मिली थी कि उत्तर प्रदेश से शराब की बड़ी खेप रेवा पुल के रास्ते बिहार लाई जा रही है. इसके बाद उन्होंने तत्काल टीम गठित की और सरैया थाना क्षेत्र के रेवा घाट पर घेराबंदी की गई. कुछ देर बाद वहां एक पिकअप और उसके पीछे दो स्कॉर्पियो पहुंचीं. तीनों वाहनों को रोककर जब तलाशी ली गई तो तहखाने में छिपाई गई शराब बरामद हुई.
गिरफ्तार तस्करों में यूपी और बिहार के शातिर शामिल
पुलिस ने मौके से कुल 7 शराब तस्करों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार तस्करों में उत्तर प्रदेश के देवरिया थाना क्षेत्र के रोहित कुमार, अखिलेश कुमार, सीवान जिले के मैरवा से शत्रुघ्न पटेल, संदीप यादव, निर्भय कुमार सिंह, विकास सिंह और दरौली के आकाश सिंह शामिल हैं. इन सभी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
प्रभारी बोले हर एंगल से जांच होगी
उत्पाद थाना प्रभारी दीपक कुमार ने बताया कि बरामद शराब की कुल संख्या 100 कार्टन है और इसकी कीमत लगभग 10 लाख रुपये के आसपास है. तीनों गाड़ियों को जब्त कर लिया गया है. यह भी जांच की जा रही है कि आखिर तस्करों को पुलिस बोर्ड और बीएसएफ स्टिकर किसने उपलब्ध कराया और क्या इसमें कोई अंदरूनी मिलीभगत है.
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