स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुरू किया गया बचाव कार्यक्रम उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर जिले में डायरिया से होने वाली शिशु मृत्यु दर को शून्य करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने डायरिया मुक्ति का अभियान शुरू किया है. यह 14 सितंबर तक चलेगा. इसके तहत विभिन्न विभागों के समन्वय से घर-घर जाकर डायरिया से बचाव के लिए ओआरएस पैकेट व जिंक टैबलेट का वितरण किया जा रहा है. यह पहल इसलिए जरूरी है कि स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले में डायरिया का प्रसार अब भी 14.6 फीसदी है. इसे कम करने के लिए निरंतर प्रयास जरूरी है. इस अभियान की सफलता के लिए आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी वर्कर व जीविका दीदी को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है. यह पांच वर्ष तक के बच्चों वाले घर में जाकर ओआरएस व जिंक टैबलेट वितरित करेंगी व डायरिया से बचाव की जानकारी भी दे रही हैं. आशा प्रखंडवार व्हाट्सएप ग्रुप बना कर डायरिया के मामलों की निगरानी कर रही है. इसके अलावा महिलाओं, बच्चों व स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को हाथ धोने के सही तरीके व स्वच्छ जल के महत्व के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है. 85 लाख 84 हजार 441 ओआरएस पैकेट बंटेगा इस अभियान के तहत जिले में 85 लाख 84 हजार 441 ओआरएस पैकेट व एक करोड़ 81 लाख 63 हजार 56 जिंक टैबलेट वितरित किये जा रहे हैं. इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को डायरिया से बचाना है. इस अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के लिये सभी पीएचसी प्रभारियों को निर्देश दिया गया है. एसीएमओ डॉ चंद्रशेखर प्रसाद ने बताया कि यह अभियान मुजफ्फरपुर को डायरिया मुक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम है, जो बच्चों के स्वास्थ्य व जिले के भविष्य को सुरक्षित करने में अहम भूमिका निभायेगा.
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