एनुअल इन्फॉरमेशन स्टेटमेंट में दिख रही तीन गुना अधिक खरीद-बिक्री उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को परेशानी हो रही है. एनुअल इन्फॉरमेशन स्टेटमेंट में गड़बड़ी से आयकरदाताओं व टैक्स प्रोफेशनल रिटर्न दाखिल नहीं कर पा रहे हैं.जिन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष में म्यूचुअल फंड की खरीद-बिक्री की है, उनके एआइस रिपोर्टिंग में एक ही म्यूचुअल फंड रिडेंपशन या बिक्री एसफटी के तहत तीन बार रिपोर्ट की जा रही है. टैक्सेशन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप वर्मा ने बताया विभाग को एनएसडीएल, सीएएमस व केएफआइएन ने एक ही म्यूचुअल फंड बिक्री की विभाग को अलग-अलग रिपोर्ट दी है. जबकि असल में केवल एक ही बार म्यूचुअल फंड की बिक्री की गयी थी. एक ही जानकारी तीन जगहों से आने के कारण अब एआइएस में बिक्री राशि का तीन गुना दिखाई दे रही है, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है और निवेशकों का पूंजीगत लाभ बढ़ा हुआ दिख रहा है. ऐसे करदाता या पेशेवर जो अपने रिटर्न फाइलिंग सॉफ्टवेयर में एआइएस डेटा के ऑटो इंपोर्ट पर भरोसा करते हैं वे इस गड़बड़ी के कारण अपना तीन गुना बढ़ा हुआ म्यूचुअल फंड रिडेंपशन की राशि की घोषणा करेंगे तो उनकी टैक्स की देयता पर असर पड़ेगा. इस परेशानी से बचने के लिए उन्हें तब तक अपना रिटर्न दाखिल नहीं करना चाहिये, जब तक कि निवेशक अपने वास्तविक म्यूचुअल फंड स्टेटमेंट या ब्रोकर रिपोर्ट के साथ इस परेशानी का क्रॉस सत्यापन नहीं कर लें. आयकर रिटर्न दाखिल करते समय हमेशा 26 एएस, एआइएस व मूल फंड हाउस या डिमेट स्टेटमेंट से म्यूचुअल फंड बिक्री का मिलान करना चाहिये.
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