एइएस ड्यूटी में लापरवाही नहीं, वार्ड से सेल्फी भेजेंगे चिकित्सक-नर्स वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एइएस) के मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सकों और नर्सों पर शिकंजा कस दिया है. नए निर्देश के तहत, जिले के पीएचसी से लेकर सदर अस्पताल तक एइएस वार्ड में तैनात हर डॉक्टर और नर्स को अपनी ड्यूटी उपस्थिति फोटो के साथ दर्ज करानी होगी. ड्यूटी पर पहुंचने के बाद चिकित्सक और नर्स को अपनी सेल्फी लेकर विभागीय ग्रुप में भेजनी होगी. सेल्फी भेजने के बाद ही उनकी ड्यूटी मान्य की जाएगी. इस व्यवस्था का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सभी स्वास्थ्यकर्मी समय पर वार्ड में मौजूद रहें और मरीजों की देखभाल में कोई कोताही न बरती जाए. इधर, इन सभी व्यवस्थाओं पर कड़ी नजर रखने के लिए जिला स्तर पर एक समिति का गठन किया गया है. इस समिति में सिविल सर्जन के अलावा जिला स्वास्थ्य विभाग के चार प्रोग्राम पदाधिकारी शामिल हैं. यह समिति न केवल बीमारी की स्थिति पर पैनी नजर रखेगी, बल्कि मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता की भी निगरानी करेगी. स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर जिला मलेरिया विभाग ने जेई (जापानी इंसेफेलाइटिस) और एइएस पर नजर रखने के लिए एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया है. इस समिति के अध्यक्ष सिविल सर्जन होंगे. समिति में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला मलेरिया पदाधिकारी और मलेरिया विभाग के सलाहकार सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं. इसी तरह, श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) में भी एक अलग समिति बनाई गई है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य इस समिति के अध्यक्ष होंगे, जबकि विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष और एक वरीय चिकित्सा पदाधिकारी सदस्य के रूप में शामिल किए जाएंगे. यह समिति अस्पताल में एइएस मरीजों की मौत के मामलों की भी गहन पड़ताल करेगी.
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