मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर भू-अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन प्राधिकार कार्यालयों में कर्मियों की स्थायी नियुक्ति और पदस्थापन नहीं होने के कारण सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ रहा है. इससे भू-अर्जन से संबंधित वादों का निष्पादन भी तेजी से नहीं हो रहा है और देरी होने के कारण परियोजनाओं की लागत बढ़ रही है. इसे लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ने मुजफ्फरपुर समेत आठ जिलों के समाहर्ताओं को पत्र भेजकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया है. उन्होंने कहा है कि इसे सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर लेकर अविलंब कर्मियों की नियुक्ति और पदस्थापन सुनिश्चित कराई जाये, ताकि लंबित वादों का तेजी से निष्पादन हो सके. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि प्राधिकार न्यायालय का कार्य समय से किया जाना अनिवार्य है. साथ ही भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामलों का त्वरित निष्पादन किया जाना अनिवार्य है. अन्यथा परियोजनाओं के क्रियान्वयन से बहुत देरी होती है और वित्तीय बोझ बढ़ने लगता है. वादों का निष्पादन तेजी से नहीं होने पर मुआवजा भुगतान समेत अन्य प्रक्रिया भी बाधित हो जाती है. उन्होंने अनिवार्य रूप से मुजफ्फरपुर, पटना, गया, मुंगेर, भागलपुर, पूर्णिया, दरभंगा और सारण जिले के समाहर्ताओं को अविलंब कर्मियों की नियुक्ति और पदस्थापन करते हुए विभाग को इसकी जानकारी देने का अनुरोध किया है.
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