सावन से पहले ही सर्राफा बाजार में रौनक, चांदी के बेलपत्र की भी हो रही बिक्री फोटो – दीपक – 8-9 उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर सावन का पवित्र महीना 11 जुलाई से शुरू हो रहा है. कांवरियों ने बाबा को जलाभिषेक करने की योजना बनानी शुरू कर दी है तो शहर का बाजार भी सावन को लेकर तैयार हो रहा है. शिव भक्ति के इस महीने में भगवान शिव-पार्वती की पूजा करने की प्राचीन परंपरा रही है. ऐसा माना जाता है कि सावन में शिव पूजा से भगवान सभी तरह की आकांक्षाओं को पूरा करते हैं. सावन में चांदी के शिव-पार्वती, खड़ाऊं और बेलपत्र खरीद कर पूजा करने की परंपरा रही है. इस बार भी भगवान शिव और माता पार्वती की चांदी की मूर्तियों, खड़ाऊं, लोटा और त्रिशूल की खरीदारी ने जोर पकड़ लिया है. भक्तों की बढ़ती मांग को देखते हुए सर्राफा कारोबारियों ने अपनी दुकानों में इन विशेष वस्तुओं का आकर्षक डिस्प्ले किया है, जिससे बाजार में एक अलग ही रौनक छायी हुई है. हल्के वजन में चांदी की मूर्तियां उपलब्ध इस बार की सबसे खास बात यह है कि सर्राफा व्यवसायियों ने भक्तों की जेब का ख्याल रखते हुए चांदी की इन सभी वस्तुओं को हल्के वजन में तैयार कराया है. भक्त बिना अधिक रुपये खर्च किये अपने आराध्य की चांदी की प्रतिमा या पूजन सामग्री घर ले जा सकते हैं. शहर के सर्राफा व्यवसायी संजय कुमार बताते हैं कि पिछले एक सप्ताह से खरीदारों की भीड़ बढ़ी है. चांदी की शिव-पार्वती की मूर्ति दस हजार रुपये में उपलब्ध है, जबकि बेलपत्र 200 रुपये में, खड़ाऊं पांच हजार में और त्रिशूल एक हजार रुपये में मिल रहा है. सर्राफा व्यवसायी शंकर कुमार ने कहा कि पहले साेने की शिव मूर्तियों की बिक्री होती थी, लेकिन सोने का भाव चढ़ने से चांदी की मूर्तियों की डिमांड अधिक हो रही है. चांदी के बेलपत्र की मांग भी काफी है. 200-300 रुपये में बेलपत्र उपलब्ध होने के कारण भक्त इसकी खरीदारी करते हैं और घरों में शिव पूजा के वक्त शिवलिंग पर चांदी का बेलपत्र चढ़ाते हैं. सावन के पूरे महीने इसकी बिक्री होती है.
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