प्रदूषण से पहले एलर्जी, बाद में दमा से पीड़ित हो रहे लोग

people suffering from asthma

By Vinay Kumar | May 5, 2025 7:41 PM
an image

विश्व दमा दिवस पर विशेष लंबे समय तक धूल के बीच रहने से लोगों में बढ़ रहा दमा उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर शहर में प्रदूषण के कारण लोगों को पहले एलर्जी हो रही है, जिसमें सांस में घराघराहट, लगातार छींक आना और नाक से पानी गिरने की समस्या आती है. इसके बाद यह रोग दमा में बदल जाता है. डॉक्टर कहते हैं कि इसका मुख्य कारण वायु प्रदूषण है. लंबे समय तक एलर्जी रहने से दमा की बीमारी बढ़ रही है. धूल और धुएं के बीच रहने से लोग दमा से पीड़ित हो रहे हैं. इन दिनों सदर अस्पताल के एनसीडी विभाग में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है. पहले 50 की उम्र के बाद ही इस बीमारी से पीड़ित हुआ करते थे. खासकर घुम्रपान करने वाले लोग इस बीमारी की चपेट में आते थे, लेकिन अब ऐसी बात नहीं है. प्रदूषण के कारण पुरुष और महिलाएं दमा से पीड़ित हो रहे हैं. शहर में इससे बचाव के लिये कोई सुविधा नही हैं. अहमदाबाद में संपन्न नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन पलमनरी डिजीज में भी डॉक्टरों ने दमा और सांस रोग के लिये प्रदूषण को मुख्य रूप से जिम्मेवार माना था. हालांकि देश के टॉप दस प्रदूषित शहरों में आने वाले इस शहर में प्रदूषण नियंत्रण की व्यवस्था नहीं है. पांच वर्ष तक के 10 फीसदी बच्चों में एलर्जी प्रदूषण के कारण बच्चों में सांस संबंधी समस्या बढ़ रही है. एनसीडी सेल के अनुसार पांच वर्ष तक के दस फीसदी बच्चों में एलर्जी की समस्या हो रही है, जो बाद में सांस की अन्य बीमारियों में बदल जाता है. समय से पहले प्रसव और अनियंत्रित मधुमेह से पीड़ित गर्भवती महिलाओं के शिशुओं में सांस सबंधी परेशानी होने की समस्या सामने आ रही है, इसमें प्रदूषण भी एक बडृ़ा कारण है. गर्भवती महिलाएं धूल और धुएं के बीच रहती हैं तो उनके शिशु को एक्यूटर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन हो सकता है. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे बताता है कि पांच वर्ष पहले मुजफ्फरपुर में 4.3 फीसदी शिशु इस बीमारी से पीड़ित हो रहे थे, जो बढ़ कर 4.7 हो गया है. यह स्थिति चिंताजनक है. एनसीडी सेल में दमा का भी होगा इलाज केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशानुसार कई शहरों में गैर संचारी रोग के लिए बने सेल में सांस रोगियों का इलाज हो रहा है. शहर में जल्द ही दमा के लिए अलग सेल बनाया जाना है. एनसीडी के प्रभारी डॉ नवीन कुमार ने कहा कि मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में अभी गैर संचारी रोग के इलाज के लिये दमा के लिये अलग से फिलहाल व्यवस्था नहीं की गयी है. गाइडलाइन मिलने के बाद यहां भी अलग वार्ड बना कर दमा के इलाज की व्यवस्था होगी.

संबंधित खबर और खबरें

यहां मुजफ्फरपुर न्यूज़ (Muzzafarpur News), मुजफ्फरपुर हिंदी समाचार (Muzzafarpur News in Hindi),ताज़ा मुजफ्फरपुर समाचार (Latest Muzzafarpur Samachar),मुजफ्फरपुर पॉलिटिक्स न्यूज़ (Muzzafarpur Politics News),मुजफ्फरपुर एजुकेशन न्यूज़ (Muzzafarpur Education News),मुजफ्फरपुर मौसम न्यूज़ (Muzzafarpur Weather News)और मुजफ्फरपुर क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version