प्रतिनिधि, मुशहरी थाना क्षेत्र के विशुनपुर जगदीश में पुल निर्माण के संवेदक द्वारा प्लास्टिक के बैग का उपयोग कर बूढ़ी गंडक नदी में डालकर प्रदूषित करने का आरोप लगाते हुए सामाजिक कार्यकर्ता देवव्रत कुमार सहनी ने एनजीटी कोलकाता से शिकायत की थी़ इसमें बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड, संवेदक मेसर्स गणेश राम दुकानिया, जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विरुद्ध नदी को प्रदूषित करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया था. मामले में वादी ने न्यायालय को बताया था कि इनके द्वारा पाइप बाइंडिंग द्वारा पुल के पिलर की ढलाई की जानी थी. लेकिन खर्च में कमी हो, इसके लिए कार्य एजेंसी द्वारा प्लास्टिक के बोरा में मिट्टी भरकर पुल के पिलर की ढलाई की गयी. इस कारण नदी में प्रदूषण बढ़ गया. नदी की चौड़ाई घट गयी और जल स्तर भी कम हो गया. नदी में मछलियां मिलनी बंद हो गयीं. मामले में न्यायालय द्वारा सभी पार्टी को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई तिथि तक शपथ पत्र दायर करने को कहा गया है. इस मामले में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एक जांच कमेटी गठित की गयी. इसमें पटना से बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसएन ठाकुर, मुजफ्फरपुर से जिलाधिकारी द्वारा नियुक्त अधिकारियों में अपर समाहर्ता राजस्व संजीव कुमार एवं अन्य सदस्यों ने सोमवार की शाम को विशुनपुर जगदीश पुल पर जाकर और नदी किनारे प्लास्टिक के बैग से फैले प्रदूषण की जांच की. मौके पर उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ता देवव्रत कुमार साहनी, विकास कुमार पाठक, राम पुकार सहनी, मुन्ना कुमार आदि लोगों से जानकारी ली. उन लोगों के बयान नोट किया और फोटोग्राफ लिया. इस मामले में अपर समाहर्ता राजस्व संजीव कुमार से संपर्क करने का प्रयास किया़ लेकिन संपर्क नहीं हो सका. वही बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एस एन ठाकुर ने बताया कि हम लोग अपनी जांच रिपोर्ट न्यायालय को सौंपेंगे.उन्होंने कहा कि विशुनपुर जगदीश पुल और बूढ़ी गंडक नदी का जायजा लिए है.वादी को बुलाकर उनका पक्ष भी सुना गया है. इस मामले में वादी देवव्रत कुमार सहनी ने बताया कि 9 जुलाई को एनजीटी में सुनवाई होनी है. कार्य एजेंसी द्वारा बूढ़ी गंडक में प्लास्टिक बैग डालकर प्रदूषित किया गया है. नदी किनारे अवैध रूप से खनन किया गया है.
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