वक्ताओं ने कहा कि अब हम लोगों को पर्यावरण को लेकर सचेत होने की जरूरत है. हम लोग एकजुट होकर पर्यावरण रक्षा के लिये सामूहिक अभियान चलायेंगे. पूरे वर्ष भर इसके लिये लोगों को जागरूक भी करेंगे. लोगों से जल का दुरुपयोग नहीं करने के लिये संकल्प भी दिलायेंगे. यहां वक्ताओं के विचार रखे जा रहे हैँ.
पौधा लगाने के साथ जीवित रखना भी जरूरी
पौधा लगाना बड़ी बात नहीं, पौधे को जिंदा रखना बड़ी बात है, इसलिये हम लोग जहां भी पौधे लगाते हैं, वहां किसी को देखरेख की जिम्मेदारी देते हैं. हमलोग इसके लिये स्कूल का चयन करते हैं. वहां पौधे लगाते हैं और शिक्षकों को इस बात की जवाबदेही देते हैं. इससे पौधे की देखभाल होती है और वह जीवित रहता है. इससे पौधे लगाने का उद्देश्य पूरा हो जाता है. – रंजन कुमार, झपहां
पौधों की देख-रेख के लिये होना होगा जागरूक
पौधा लगाने के साथ देख-रेख के लिये हमें जागरूक होना होगा. एलएस कॉलेज में हर साल पौधे लगाये जाते हैं, लेकिन वहां वही पौधे जीवित हैं, जो आज से 50 या एक सौ साल पहले लगाये गये थे, इसलिये पौधरोपण के साथ हमें जागरूकता अभियान भी चलाना होगा. जब हम पौधे लगायेंगे तो इसकी देख-रेख की जिम्मेदारी उठानी होगी, नहीं तो पौधरोपण का कोई उद्देश्य नहीं. – डॉ अभय कुमार, सेवानिवृत्त प्राध्यापक
पर्यावरण संरक्षण के लिये आगे आएं
पर्यावरण के संकट से लगातार गर्मी बढ़ रही है. पहले ठंडा के दिनों में ही हार्ट अटैक की समस्या आती थी, अब गर्मी में भी हार्ट अटैक से लोंगों की मौत हो रही है. सबसे पहले हमें पर्यावरण के संरक्षण के उपाय ढूंढने होंगे. पर्यावरण संरक्षित रखने का संदेश हमारे व्रत-त्योहारों में है. इसका एकमात्र उद्देश्य पौधों को बचाना है. हम सभी को इसी उद्देश्य के तहत काम करना होगा. – डॉ राजीव कुमार, फिजिशियन
पौधा लगायें तो महीने भर बाद जाकर जरूर देखें
हमलोग स्कूल-कॉलेजों सहित सरकारी कार्यालय के परिसर में पौधरोपण करें और उस कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी को उसकी देखरेख करने की जिम्मेदारी दें. इससे पौधे बचे रहेंगे और हमारा उद्देश्य भी पूरा होगा. हम सभी को पौधे लगाने की प्रतियोगिता भी करनी चाहिये. जहां पौधे लगायें, वहां जाकर एक-दो महीने में देखें कि पौधे की क्या स्थिति है. तभी पौधे संरक्षित होंगे. – अमर कुमार, बालाजी परिवार
प्रोत्साहन से ही जागरूक होंगे लोग
पौधरोपण के लिये लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. हमें इसके लिये आगे आना चाहिये और दूसरों को भी प्रोत्साहित करना चाहिये. व्यक्तिगत तौर पर मैंने कई पौधे लगाये हैं और लगाता रहता हूं, लेकिन लोग जागरूक नहीं है. वे खुद तो पौधे नहीं लगाते न ही लगाने वालों को प्रोत्साहित करते हैं. पौधरोपण आज की सबसे बड़ी जरूरत है, इसे लोगों को समझना होगा. – सुशांत सिंह
पर्यावरण की रक्षा के लिये होना होगा सजग
पर्यावरण संरक्षण हमारे रहन-सहन से भी जुड़ा हुआ है. पहले गांव के भोज में लोग केले के पत्ते पर खाना खाते थे, लेकिन वहां भी बदलाव आया है. हम लोग प्लास्टिक का उपयोग भी खूब करते हैं, इससे भी पर्यावरण को हानि पहुंचती है. हम लोगों को पर्यावरण की रक्षा के लिये सजग होना होगा और लोगों को इसके लिये जागरूक करना होगा. हमारी जीवन शैली से ही पर्यावरण बेहतर होगा. – पुष्कर सिंह