बिहार में राशन घोटाला उजागर, अधिकारियों पर गिरी गाज! जानें पूरा मामला

Bihar News: मुजफ्फरपुर में राशन घोटाले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. पार्षदों ने बैठक में प्रशासनिक भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए आरोप लगाया कि गरीबों को 35KG की बजाय सिर्फ 20KG राशन मिल रहा है.

By Anshuman Parashar | April 2, 2025 8:32 PM
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Bihar News: मुजफ्फरपुर के कंपनीबाग स्थित टाउन हॉल में राशन कार्ड की अनियमितताओं और आपूर्ति व्यवस्था की खामियों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इस बैठक की अध्यक्षता महापौर निर्मला साहू ने की, जहां पार्षदों ने एसडीओ (पूर्वी) और जिला आपूर्ति अधिकारियों के समक्ष राशन डीलरों और सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया.

राशन कार्ड में गड़बड़ी और रिश्वतखोरी के आरोप

बैठक के दौरान पार्षदों ने खुलासा किया कि राशन कार्ड में लगातार गड़बड़ियां हो रही हैं. सुधार के नाम पर गरीबों से 700 से 1000 रुपये तक की रिश्वत मांगी जा रही है. पार्षदों का आरोप है कि जब वे इस भ्रष्टाचार की शिकायत करते हैं, तो अधिकारियों का रवैया टालमटोल भरा होता है और वे इसे नजरअंदाज कर देते हैं.

कम राशन वितरण और घटिया अनाज का आरोप

पार्षदों ने अंत्योदय योजना के तहत मिलने वाले 35 किलोग्राम राशन में भारी कटौती की ओर इशारा किया. उन्होंने बताया कि डीलर केवल 25 किलोग्राम राशन देते हैं, लेकिन वास्तविक तौल 20 किलोग्राम ही होती है. यानी प्रत्येक लाभार्थी के राशन में 5 किलोग्राम की कटौती की जा रही है, जिससे डीलर अवैध रूप से बड़ा मुनाफा कमा रहे हैं. साथ ही, वितरित किया जा रहा अनाज घटिया गुणवत्ता का होता है, जिससे गरीब परिवारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

पार्षदों की मांग और अधिकारियों का आश्वासन

पार्षदों राजीव कुमार पंकू, अभिमन्यु चौहान, संजय केजरीवाल, अजय कुमार ओझा, सनत कुमार और अर्चना पंडित सहित अन्य ने शिकायत की कि राशन कार्ड सुधार के लिए गरीबों को नगर निगम कार्यालय के बजाय मुशहरी प्रखंड मुख्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं. उन्होंने मांग की कि आरटीपीएस काउंटर नगर निगम परिसर में ही स्थापित किया जाए.

एसडीओ (पूर्वी) अमित कुमार और सहायक जिला आपूर्ति पदाधिकारी कमलेश कुमार ने पार्षदों की शिकायतों को गंभीरता से सुना और तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया. अधिकारियों ने निर्देश दिया कि 15 दिनों के भीतर सभी पीडीएस दुकानों पर उनके और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के मोबाइल नंबर प्रदर्शित किए जाएं ताकि लोग सीधे शिकायत कर सकें.

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छह महीने बाद हुई बैठक, कार्रवाई की उम्मीद

पिछले छह महीनों से पार्षद इस मुद्दे को निगम बोर्ड और सशक्त स्थायी समिति की बैठकों में उठाते आ रहे थे, लेकिन आपूर्ति विभाग के अधिकारी हर बार अनुपस्थित रहते थे. इस बार नगर आयुक्त विक्रम विरकर के प्रयासों से बैठक संभव हो सकी, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि अब राशन कार्ड और पीडीएस सिस्टम की गड़बड़ियों पर अंकुश लगेगा.

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