वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर जिले में कालाजार के पूर्ण उन्मूलन के लक्ष्य के साथ आईआरएस (इंडोर रेजिडुअल स्प्रे) के पहले चरण का छिड़काव अभियान शुरू हो गया है. जिला भीबीडीसी (वेक्टर जनित रोग नियंत्रण) पदाधिकारी डॉ. सुधीर कुमार ने बताया कि इस चरण में 15 प्रखंडों के 133 कालाजार प्रभावित गाँवों के सभी घरों में सिंथेटिक पायरेथ्रॉइड का छिड़काव किया जा रहा है. 40 टीमें 60 दिनों में करेंगी छिड़काव इस अभियान के लिए 40 टीमें लगाई गई हैं, जो 60 कार्य दिवसों के भीतर छिड़काव का काम पूरा करेंगी. सभी प्रखंडों के एसएफडब्ल्यू (सुपरवाइजरी फील्ड वर्कर) को इसके लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. मरीजों की संख्या में कमी, फिर भी सतर्कता जारी डॉ. कुमार ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में कालाजार के मरीजों की संख्या में लगातार कमी आई है: 2021: 126 मरीज 2022: 78 मरीज 2023: 50 मरीज 2024: 48 मरीज 2025 (जून तक): 27 मरीज इन सभी मरीजों का इलाज चल रहा है. छिड़काव के साथ-साथ टीमें कालाजार के नए मरीजों की खोज भी कर रही हैं. संदिग्ध मरीज मिलने पर उन्हें तुरंत संबंधित स्वास्थ्य केंद्र भेजकर जाँच करवाई जा रही है. बीमारियों से बचाव के लिए जागरूकता अभियान छिड़काव कर्मियों द्वारा ग्रामीणों को कालाजार के अलावा मलेरिया, डेंगू, मस्तिष्क ज्वर और फाइलेरिया जैसी बीमारियों से बचाव के तरीकों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है. डॉ. सुधीर कुमार ने छिड़काव कर्मियों की भूमिका की सराहना करते हुए उन्हें निर्देश दिया है कि वे सभी घरों के कमरों, पूजा घर, रसोई घर, बरामदा, गोशाला और शौचालय की दीवारों पर 6 फीट तक गुणवत्तापूर्ण छिड़काव सुनिश्चित करें. फिलहाल, जिले के सभी प्रखंड कालाजार उन्मूलन के मानक (प्रति दस हजार की आबादी पर एक से कम मरीज) को प्राप्त कर चुके हैं.
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