Start Up Bihar : काम की तलाश में नहीं भटकेंगे मजदूर, एमआइटी के ‘जरूरत’ एप से से मिलेगा रोजगार

मुजफ्फरपुर के एमआइटी के छात्र एक एप विकसित कर रहे हैं. जिसके माध्यम से मजदूरों को घर बैठे रोजगार मिलेगा

By Anand Shekhar | April 4, 2024 12:54 AM
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Start Up Bihar : मुजफ्फरपुर शहर के विभिन्न चौराहों पर सुबह में घंटों काम की तलाश में खड़े रहने वाले मजदूरों को अब घर बैठे काम मिलेगा. मजदूरी भी ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड में मिल जायेगी. इसके लिए उन्हें दूर नहीं जाना होगा. अपने ही क्षेत्र में उन्हें काम मिल जायेगा. इसको लेकर एमआइटी के बायोमेडिकल एंड रोबोटिक्स और इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी ब्रांच के स्टूडेंट्स ने मिलकर स्टार्टअप (Start Up) नीति बनायी है.

स्टूडेंट्स एक एप विकसित कर रहे हैं. इसका प्रोटोटाइप बनाकर उसपर टेस्टिंग शुरू कर दी गइ है. इस प्रोजेक्ट को आइआइटी पटना में हुये स्टार्टअप इवेंट में 500 प्रतिभागियों के बीच चयनित भी किया गया है. इस इवेंट में कुल 17 स्टार्टअप आइडियाज को चयनित किया गया था. उसमें से एक यह भी है. टीम में कुल छह सदस्य शामिल हैं.

टीम लीडर बीएमआर की शिवानी कुमारी हैं. इसी ब्रांच की अनुराधा कुमारी, आयुषी सिंह और आदित्य आनंद कश्यप के साथ ही आइटी ब्रांच के रेयान हसन और आकाश चंद्र वर्मा इस प्रोजेक्ट के हिस्सा हैं. कॉलेज के स्टार्टअप सेल फैकल्टी इंचार्ज डॉ संजय कुमार ने बताया कि बिहार सरकार की स्टार्टअप नीति से स्टूडेंट़्स में रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के प्रति उत्साह दिख रहा है. स्टूडेंट्स अलग-अलग क्षेत्रों में संभावनाएं तलाश रहे हैं. कॉलेज की ओर से उन्हें हर संभव सहयाेग किया जा रहा है.

मजदूरों को काम के इंतजार में खड़ा देख आया Start Up का आइडिया

टीम लीडर शिवानी बताती हैं कि कॉलेज के पास ही ब्रह्मपुरा लक्ष्मी चौक पर अक्सर सुबह में सैंकड़ों की संख्या में काम की तलाश में मजदूरों को खड़ा देखती थी. वे 10-11 बजे तक काम के लिए इंतजार करते थे. कभी काम नहीं मिलने पर उन्हें फिर वापस लौटना पड़ता था. यह देख विचार आया कि क्यों न उनके लिये एक प्लेटफाॅर्म बनाया जाये. इसके बाद “जरूरत” : साथ है तो खास है…प्रोजेक्ट पर साथियों के साथ मिलकर कार्य शुरू किया.

शिवानी और टीम के अन्य सदस्यों ने बताया कि इस एप के लिए गूगल फॉर्म्स और ऑफलाइन एरिया में सर्वे का कार्य शुरू कर दिया गया है. मजदूरों का भी अच्छा फीडबैक मिला है. उनका डाटा जुटाकर एप में स्टोर किया जा रहा है. एप का उद्देश्य टायर टू और टायर थ्री सिटीज में होम सर्विसेस बेस्ड सुविधायें उपलब्ध करवाना है. लोग अक्सर पलंबर, मैकेनिक से लेकर अन्य कार्यों के लिए मजदूरों को ढूंढ़ते हैं. समय पर उन्हें मजदूर नहीं मिलते.

वहीं दूसरी ओर मजदूर काम के लिए आते हैं और काम नहीं मिलने पर उन्हें लौटना पड़ता है. ऐसे में दोनों को एक प्लेटफाॅर्म पर लाने के लिए यह स्टार्टअप योजना बनायी गयी  है. कॉलेज प्रशासन का भी इसमें सहयोग मिल रहा है.

भुगतान के लिए क्यूआर कोड के साथ ही आइकार्ड भी मिलेगा

मजदूरों को काम के बाद यदि ऑनलाइन मोड में पैसा लेना हो तो एप के माध्यम से उसकी भी व्यवस्था की जायेगी. उन्हें स्टार्टअप के तहत आइकार्ड भी दिया जायेगा. उसमें उनका क्यूआर कोड होगा. वे चाहें तो उसकी मदद से पैसा सीधे अपने खाते में ले सकते हैं. वहीं एप के माध्यम से भी यदि ग्राहक उन्हें भुगतान करते हैं तो कंपनी की ओर से पैसा दे दिया जायेगा.

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