कुमार दीपू/ मुजफ्फरपुर जिले में (Chamki Bukhar) एइएस से हो रहे बच्चों में बेटियां पीड़ित नहीं हो रही हैं. अब तक एइएस से पीड़ित होने वाले 11 बच्चों में लड़के की संख्या अधिक हैं. जबकि 11 बच्चों में एक भी बेटियां पीड़ित नहीं हुई हैं. एइएस पीड़ित बच्चों का इलाज कर रहे चिकित्सकों की माने तो जिले के बेटियों की इम्युनिटी पावर काफी बढ़ी है. नतीजा यह है कि इस वर्ष बच्चों का 40 प्रतिशत तक माइटोकॉन्ड्रिया क्षतिग्रस्त होने के बाद भी एईएस बीमारी को बच्चे हरा दे रहे हैं. एईएस बच्चों को चपेट में ले रही है, लेकिन राहत यह है कि उनके शरीर के सेल और इम्युनिटी पावर बढ़ने के कारण बीमारी से बच जा रहे हैं. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ गोपाल शंकर सहनी कहते है कि एम्स जोधपुर की टीम के शोध में यह नया खुलासा किया था. उन्होंने कहा कि बेटों की अपेक्षा बेटियों में इम्युनिटी पावर काफी बढ़ी हैं. इस कारण बेटियां एइएस से पीड़ित नहीं हो रही हैं.
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