रात्रि 12 बजे से उमड़ा कांवरियों का सैलाब, अफरा-तफरी का माहौल अधिक भीड़ की सूचना पर डीएम और एसएसपी पहुंचे मंदिर उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर. सावन की तीसरी सोमवारी पर गरीबनाथ मंदिर में करीब साढ़े तीन लाख भक्तों ने जलाभिषेक किया. जिसमें करीब ढाई लाख कांवरिये और एक लाख स्थानीय भक्त थे. मंदिर के प्रधान पुजारी के अनुसार पिछले कई वर्षों में सबसे अधिक कांवरियों की भीड़ रही. इस बार डाक बल वाले कांवरियों की संख्या भी अधिक थी. वैसे तो गरीबनाथ मंदिर में रविवार की सुबह से ही कांवरियों ने जलाभिषेक करना शुरू कर दिया था, लेकिन रात्रि 12 बजे से कांवरियों की भीड़ उमड़ पड़ी. भीड़ इतनी अधिक थी कि कई कांवरियों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. पुलिस बल ने उन्हें भीड़ से बाहर निकाला. सेवा दल और पुलिस बल लगातार कांवरियों को मंदिर से आगे बढ़ा रहे थे. भीड़ की सूचना पर डीएम और एसएसपी स्वयं पुलिस बल के साथ गरीबनाथ मंदिर पहुंचे. करीब एक घंटे तक जलाभिषेक की व्यवस्था देखी और कांवरियों को सुरक्षित तरीके से जलाभिषेक में सहयोग किया. रात्रि दो बजे बहुत अधिक भीड़ होने के कारण कांवरियों को हरिसभा चौक से जिला स्कूल मार्ग में आगे बढ़ाया गया. फिर यहां बने जिग जैग से कांवरियों को प्रवेश करा कर मंदिर मार्ग तक आगे बढ़ाया गया. मंदिर तक नहीं पहुंचे कांवरिये, हजारों ने रास्ते में ही जल छिड़का कांवरियों की भीड़ इतनी अधिक थी कि गरीबनाथ मंदिर तक पहुंचने में उनकी हिम्मत जवाब दे गयी. कई हजार कांवरिये मंदिर तक नहीं पहुंच सके. पुरानी बाजार चौक से ही कांवरियों ने पहलेजा से लाये जल को छिड़कना शुरू कर दिया. भीड़ को सही तरीके से नियंत्रण नहीं किये जाने के कारण यह स्थिति बनी. ऐसे कांवरिये काफी आक्रोशित थे. उनका कहना था कि भले ही मंदिर तक पहुंचने में दो-चार घंटे का समय लगता, लेकिन हमलोगों को सुरक्षित तरीके से आगे बढ़ाया जाता. इस भीड़ में रहते तो बेहोश हो जाते. इस तरह की व्यवस्था ठीक नहीं थी. हमलाेग इतनी दूर से चल कर बाबा को जलाभिषेक करने पहुंचे थे, लेकिन नहीं कर पाने का अफसोस है. आपस में उलझे दो सेवा दल, जमकर हुई मारपीट रविवार की रात्रि दो बजे आमगोला रोड में दो सेवा दल आपस में उलझ पड़े. जमकर कुर्सियां चली और मारपीट हुई. करीब बीस मिनट तक यहां अफरा तफरी मची रही. अघोरिया बाजार से आने वाले कांवरिये मारपीट देख कर रुक गये. विभिन्न सेवा दलों के प्रतिनिधियों ने दोनों सेवा दलों को समझा कर मामला शांत कराया. प्रत्यदर्शियों का कहना था कि एक सेवा दल को कोई सदस्य दूसरे सेवा दल के शिविर के पास जाकर किसी लड़की से बात कर रहा था, उसे अपने शिविर में जाने को कहा गया, लेकिन वह नहीं माना. इसके बाद मामला बढ़ता गया. फिर उसके बाद मारपीट शुरू हो गयी. अहले सुबह से बढ़ गयी स्थानीय भक्तों की भीड़ सोमवार की सुबह चार बजे से स्थानीय भक्तों की भीड़ उमड़ी पड़ी. हालांकि इस बार सभी गलियों को बंद किये जाने से स्थानीय भक्त बीच रास्ते से मंदिर मार्ग में प्रवेश नहीं कर सके. बावजूद पुरानी बाजार और सर्राफा मंडी से गरीबनाथ मंदिर मार्ग में प्रवेश करने लगे. स्थानीय भक्तों की भीड़ बढ़ने के कारण पुलिस बल को संभालने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. पुलिस बल ओर सेवा दल के सदस्यों ने काफी मशक्कत के बाद भीड़ पर काबू पाया. जलाभिषेक का सिलसिला गरीबनाथ मंदिर में शाम चार बजे तक चला. इसके बाद मंदिर से अरघा हटाया गया.
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