संवाददाता, मुजफ्फरपुर प्रतिबंधित संगठन पीएफआइ से जुड़े बरुराज के परसौनी निवासी कादिर और पूर्वी चंपारण के मेहसी निवासी मो. अफरोज को बुधवार को प्रधान जिला जज के न्यायालय में पेश किया गया. दोनों पर आरोप है कि प्रतिबंध लगने के बाद बरुराज के परसौनी में ट्रेनिंग सह भर्ती कैंप संचालित किया गया जिसमें आरोपितों ने मुख्य भूमिका निभायी. आरोपित लंबे समय से पीएफआई से जुड़कर अंडरग्राउंड गतिविधि संचालित कर रहे थे. मोतिहारी से लेकर पटना, दरभंगा, मुजफ्फरपुर समेत कई जिलों में संगठन की जड़ें मजबूत कर रहा था. न्यायालय में पेशी के बाद मामले में सुनवाई की अगली तारीख 13 मई निर्धारित की गयी है. इसी मामले में बेउर जेल में बंद रेयाज मौरिफ समेत तीन आारेपितों की पेशी नहीं हो सकी. बता दें कि एनआइए ने पीएफआइ के फुलवारी मॉडल से जुड़ाव के आरोप में पूर्वी चंपारण के चकिया निवासी मो. बेलाल को गिरफ्तार किया था. एनआइए ने जब उससे पूछताछ की तो खुलासा हुआ कि संगठन के उच्च पदस्थ सदस्यों ने बरुराज में ट्रेनिंग सह भर्ती कैंप संचालित किया था. जिसके बाद एनआइए की टीम पांच फरवरी 2023 को बेलाल में साथ में लेकर बरुराज पहुंची. उसकी निशानदेही पर परसौनी गांव में कादिर अंसारी के घर पर छापेमारी की गयी थी, जहां से एनआइए ने कैंप संचालित किये जाने को लेकर बैनर व तलवार आदि आपत्तिजनक सामान जब्त किया था. एनआइए के इंस्पेक्टर विकास कुमार के प्रतिवेदन के आधार पर बरुराज थाने में यूपीए के तहत एफआईआर दर्ज की गयी थी. इसमें बेलाल व कादिर के अलावा चकिया थाना के रुनवां निवासी रियाज मौरिफ, मेहसी थाना के मुगलपुरा निवासी याकूब खान उर्फ सुल्तान उर्फ उस्मान और मेहसी के कस्बा गांव निवासी मो. अफरोज को नामजद आरोपित बनाया गया था.
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