:: जीविका दीदियों के बीज का पिछले साल ढाई करोड़ का था टर्नओवर उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर जीविका दीदियाें द्वारा उत्पादित बीज से अब बिहार के अलावा झारखंड और पं.बंगाल में गेहूं की फसल लहलहा रही है. जीविका दीदियों के सामूहिक प्रयास से वर्ष 2021 में शुरू हुआ बीज उद्योग अब दूसरी दीदियों के जीविकाेपार्जन का सहारा बन रहा है. पिछले साल जीविका दीदियों ने गेहूं के बीज का ढाई करोड़ का टर्न ओवर किया था. दीदियों ने जीविका के सहयोग से समर्पण ब्रांड बनाया. इसके बाद से कंपनी की आमदनी बढ़ती गयी. मुशहरी और बोचहां में शुरू किये गये इस प्रोजेक्ट को जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से बीज उत्पादन का लाइसेंस प्राप्त हुआ था. अब 38 महिलाएं बीज उत्पादन से जुड़ कर एक नया मुकाम बना रही है. यह महिलाएं अब केवल आत्मनिर्भर ही नहीं, दूसरों को रोजगार भी दे रही है. 350 टन गेहूं के बीज का किया था उत्पादन जीविका दीदियों ने पिछले वर्ष 350 टन गेहूं के बीज का उत्पादन किया था. दीदियों ने बीज के अलावा किचन गार्डन पैकेट भी बनाना शुरू किया है जिसमें 10 प्रकार की सब्जियों के बीज होते हैं. इनकी पैकेजिंग और बिक्री भी कंपनी के माध्यम से की जा रही है. यह किट भी बिहार, झारखंड और पं.बंगाल में बेचा जा रहा है. इसके लिए 15 जीविका दीदियां काम कर रही हैं, जिन्हें रोज 300 रुपए भुगतान किया जा रहा है. दीदियां तीन किस्म के गेहूं का बीज उत्पादित कर रही है. बीज उत्पादन से महिला किसानों की आमदनी में 15 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा यह महिलाएं मक्का, धान और सब्जियों की खेती भी कर रही है. बीज उत्पादन की सफलता को देखते हुए अन्य दीदियां भी आगे आ रही हैं और इस कार्य में योगदान दे रही हैं. जीविका का लक्ष्य आने वाले समय में बीज उत्पादन को बढ़ावा देना है और इसके बाजार का विस्तार करना है बयान जीविका दीदियों ने बीज उत्पादन से आत्मनिर्भर होने के साथ दूसरों को रोजगार भी दे रही है. हमलोगों की कोशिश है कि बीज उत्पादन में मुजफ्फरपुर बिहार में अव्वल हो और यहां के बीज की मांग पूरे देश में हो. दीदियां अपनी मेहनत से बीज उत्पादन के क्षेत्र में बेहतर काम कर रही हैं – अनीशा, डीपीएम
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