नीतीश कुमार ने किया विधानसभा प्रभारियों की टीम को भंग, अब इस फॉर्मूले से होगा गठन

मुख्यमंत्री आवास पर चल रहे विधानसभा प्रभारी की बैठक में नीतीश कुमार ने बड़ा फैसला लिया है. इस बैठक में नीतीश कुमार ने हर जिले के प्रभारी को उनके दायित्व से मुक्त कर दिया है. यानी नीतीश कुमार ने विधानसभा प्रभारी की टीम को भंग करने का निर्देश दे दिया है.

By Ashish Jha | September 25, 2023 5:44 PM
an image

पटना. मुख्यमंत्री आवास पर चल रहे विधानसभा प्रभारी की बैठक में नीतीश कुमार ने बड़ा फैसला लिया है. नीतीश कुमार ने विधानसभा प्रभारी की टीम को भंग कर दिया है. सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर जदयू के विधानसभा प्रभारियों एवं अन्य पार्टी नेताओं के साथ हुई उच्च स्तरीय बैठक में विधानसभा प्रभारियों की भूमिका खत्म करने का फैसला हुआ. इस बैठक में नीतीश कुमार ने हर जिले के प्रभारी को उनके दायित्व से मुक्त कर दिया है. यानी नीतीश कुमार ने विधानसभा प्रभारी की टीम को भंग करने का निर्देश दे दिया है.

विधानसभा सीटों की संख्या के आधार पर बनेंगे प्रभारी

बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार विधानसभा सीटों की संख्या के आधार पर प्रभारी की टीम का ऐलान करने का फैसला किया है, इसलिए आज पुरानी टीम को भंग कर दिया गया है. नीतीश कुमार ने फैसला किया है कि अब हर राज्य के हर एक जिले में एक से अधिक प्रभारी रहेंगे, जबकि इससे पहले प्रत्येक जिले में मात्र एक प्रभारी हुआ करते थे.

Also Read: बिहार एसएसीसी में 11098 पदों को लेकर आया नया अपडेट, जानें कब से करना है आवेदन, कितनी चाहिए योग्यता

खुद को पूरी तरह से तैयार कर लेना चाहती है पार्टी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज जदयू के सभी विधानसभा प्रभारी से एक एक कर मुलाकात की हैं. 2024 में लोकसभा चुनाव और 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी को अभी से ही खुद को पूरी तरह से तैयार कर लेना चाहती है. इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 23 सितंबर को पार्टी के सभी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और सभी प्रवक्ताओं के साथ बैठक की थी और उनसे फीडबैक लिया था.

प्रभारी को लेकर जदयू में काफी तनातनी की स्थिति

पिछले ही दिन विधानसभा प्रभारी को लेकर जदयू में काफी तनातनी की स्थिति बनी हुई थी. उसके बाद अब नीतीश कुमार ने सभी जिलों के प्रभारियों की बैठक बुलाई और इस बैठक के बाद टीम भंग करने का ऐलान कर दिया. जानकारी हो कि इन प्रभारी की भूमिका विधानसभा सीटों को तय करने में और उम्मीदवारों को तय करने में महत्वपूर्ण होती है, ऐसे में या माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री सभी 243 विधानसभा प्रभारी से विधानसभा से संबंधित फीडबैक लेंगे.

Also Read: बिहार सचिवालय में दिखा सीएम नीतीश कुमार के एक्शन का असर, अधिकारी से मंत्री तक समय से पहुंचे दफ्तर

पार्टी के नेताओं से मिल रहे हैं मुख्यमंत्री

इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सांसदों, विधायकों से काफी पहले मिल चुके हैं. संगठन के लोगों से लगातार मुलाकात कर रहे हैं जदयू के जिला अध्यक्ष और प्रखंड अध्यक्ष तक से मिल चुके हैं और अब सभी विधानसभा प्रभारी से उनका मन टटोलेंगे. ऐसे नीतीश कुमार जब भी इस तरह की बैठक करते हैं तो कोई बड़ा फैसला लेते रहे हैं. इसलिए सब की नजर नीतीश कुमार की बैठकों पर लगी है.

जल्द होगा 20 सूत्री कमेटी का गठन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू नेताओं व विधानसभा प्रभारियों को कहा है कि वे सरकार की 18 साल की उपलब्धियों को जनता तक ले जायें. मुख्यमंत्री के रूप में उनके द्वारा किये गये कार्यों का बुकलेट तैयार होगा. इसे निचले स्तर तक बाटने और बताने की जिम्मेवारी पार्टी नेताओं की होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही 20 सूत्री कमेटी का गठन किया जायेगा.

प्रखंड अध्यक्ष से समन्वय बनाकर चलें

करीब दो घंटे तक चली बैठक में विधानसभा प्रभारियों के पद खत्म कर दिये गये. अब जिला स्तर पर प्रभारियों का मनोनयन होगा. बैठक को मुख्यमंत्री के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी, संजय कुमार झा, बिजेंद्र प्रसाद यादव और अशोक चौधरी ने भी संबोधित किया. मुख्यमंत्री ने पार्टी नेताओं से कहा कि विधानसभा प्रभारियों की जरूरत नहीं है. जिला स्तर पर जिम्मेवारी दी जाये. बड़े जिलों में पांच-पांच लोगों को जवाबदेही देने को कहा, ताकि वो लोग प्रखंड अध्यक्ष से समन्वय बनाकर पार्टी को मजबूत बनाने की दिशा में काम करें.

पार्टी के नेता आम लोगों के बीच मुहैया करायें

मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क, शिक्षा, कृषि और बिजली के क्षेत्र में कितने काम किये गये, इस सबकी जानकारी पार्टी के नेता आम लोगों के बीच मुहैया करायें. बैठक में कुछ विधानसभा प्रभारियों ने भी अपनी बात रखी. अंत्योदय योजना को लेकर आये सुझाव पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कोई केंद्र सरकार और गुजरात की योजना नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा विधेयक लाया गया है. हमारी सरकार पहले से ही गरीबों के कल्याण के लिए योजना चला रही है. उन्होंने इस संदर्भ में कृषि रोड मैप का नाम लिया.

सहयोगी दलों से भी नाम मांगा गया है

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जल्द ही 20 सूत्री कमेटी का गठन करेंगे. इसके लिए सहयोगी दलों से भी नाम मांगा गया है. उनका नाम आये तो ठीक नहीं तो जदयू कार्यकर्ताओं को इसमें जगह दी जायेगी और सहयोगी दलों का कोटा उनके द्वारा आने वाले नामों के लिए सुरक्षित रख दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि यह पहले ही हो जाता, लेकिन जब भाजपा भी सरकार में थी तो उस समय वे लोग अधिक सीटें मांग रहे थे. इसलिए इसे छोड़ दिया गया था.

सोशल मीडिया से भी पार्टी की नीतियों का करें प्रचार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विधानसभा प्रभारी की जानकारी तो मुझे थी ही नहीं. इसकी कोई जरूरत नहीं है. जहां हम चुनाव ही नहीं लड़ते हैं,वहां पार्टी पदाधिकारी की क्या जरूरत है ? अगर प्रभारी ही बनाना है तो जिला स्तर पर बनाइए. बड़े जिलों में आवश्यकतानुसार प्रभारी का दायित्व दीजिए. उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता सरकार के कामों को नीचे तक ले जायें. सोशल मीडिया के माध्यम से अच्छे कामों का प्रचार करें. बैठक में सभी 243 विधानसभा प्रभारी शामिल हुए. इनमें अरविंद कुमार सिंह, रंजीत कुमार झा, ओम प्रकाश सिंह सेतु आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version