शहर के अन्य हिस्सों में सामान्य है नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का स्तर
जहां तारामंडल इलाके में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड या एनओ2 का स्तर बढ़ा हुआ है वहीं शहर के अन्य इलाकों में यह सामान्य और कंट्रोल में है. गवर्नमेंट हाइ स्कूल शिकारपुर में मौजूद प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशन के आंकड़े बताते हैं कि यहां पर हवा में इसी अवधि में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड औसतन मात्र 16 यूनिट रहा है. डीआरएम ऑफिस दानापुर के पास हवा में नाइट्रोजन इस अवधि में 74 यूनिट दर्ज किया गया है. मुरादपुर के आसपास नाइट्रोजन डाइऑक्साइड औसतन 91 यूनिट इस दौरान रही है. राजवंशी नगर इलाके में इस अवधि में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड औसतन 95 यूनिट और समनपुरा इलाके में 16 यूनिट रहा है.
बेगूसराय, पूर्णिया और दरभंगा सबसे प्रदूषित शहर
पटना का एक्यूआइ 367 दर्ज किया गया है. शहर की हवा स्वास्थ्य के नजरिये से बेहद खराब हो गयी है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक शनिवार को देश के सबसे प्रदूषित शहर के रूप में बेगूसराय देश भर में टॉप पर रहा है. बेगूसराय का एक्यूआइ 431 रहा है. इसके बाद देश में दूसरा सबसे प्रदूषित शहर पूर्णिया रहा है, जिसका एक्यूआइ 427 था. तीसरा सबसे प्रदूषित शहर दरभंगा था जिसका एक्यूआइ 407 था. इस तरह से देश के टाॅप तीन प्रदूषित शहरों में शनिवार को तीनों बिहार के रहे हैं. इन तीनों शहरों का प्रदूषण खतरनाक श्रेणी का है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है.
अन्य जिलों में भी हवा का स्तर खराब
प्रदूषित हवा स्वस्थ व्यक्ति को भी गंभीर रूप से बीमार कर सकती है. दूसरी ओर राज्य के कई अन्य जिलों में भी हवा शनिवार को बेहद खराब रही है. इसमें अररिया में एक्यूआइ 361, आरा में 347, बेतिया में 372, भागलपुर में 338, बिहार शरीफ 332, कटिहार 395, किशनगंज 305, मोतिहारी 339, मुजफ्फरपुर 371, राजगीर 308, समस्तीपुर में 369 एक्यूआइ रहा है. 300 से अधिक एक्यूआइ वाली जगहों की हवा बेहद खराब मानी जाती है और यह भी मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है.
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प्रदूषण
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शहर : एक्यूआइ
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बेगूसराय : 431
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पूर्णिया : 427
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दरभंगा : 407
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समस्तीपुर: 369
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पटना : 367