पटना : राज्य में पंचायत और ग्राम कचहरियों का चुनाव अगले साल मार्च से मई के बीच कुल नौ चरणों में होने की संभावना है. इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों के डीएम से पूछा है कि उनके जिले में कितने चरणों में चुनाव करवाया जा सकता है.
इस संबंध में चरणवार प्रखंडों का विवरण अधिकतम दो सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. साथ ही प्रत्येक जिले के लिए वहां के दंडाधिकारी को जिला निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत) और जिला पंचायत राज पदाधिकारी को उस जिले का जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत) बनाया गया है.
केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात करने की तैयारी
सूत्रों का कहना है कि पंचायत चुनाव में मतदान केंद्रों की संख्या विधानसभा चुनाव के मतदान केंद्रों की तुलना में बढ़ जाती है. इससे मतदान कर्मियों और सुरक्षा बलों की आवश्यकता भी बढ़ जाती है.
ऐसे में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को मतदान केंद्रों पर तैनात करने के लिए सरकार से स्वीकृति मांगने की तैयारी की जा रही है. मतगणना अनुमंडल मुख्यालय में कोरोना को ध्यान में रखते हुए और सुरक्षा कारणों से बड़े हॉल में करायी जायेगी.
पहली बार इवीएम का हो सकता है प्रयोग
प्रदेश सरकार बिहार में इवीएम के जरिये पंचायत चुनाव कराने पर विचार कर रही है. हाल ही में राज्य निर्वाचन आयोग ने भी पंचायती राज विभाग को इवीएम के माध्यम से चुनाव कराने का प्रस्ताव भेजा है. प्रस्ताव में तर्क दिया गया कि इससे चुनाव में अधिक पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा मतगणना विसंगतियों और इसमें धांधली की भी जांच हो सकेगी.
यदि इवीएम के माध्यम से पंचायत चुनाव होता है तो त्रिस्तरीय ग्रामीण स्थानीय निकायों में 2.58 लाख पदों को भरने के लिए यह पहला इलेक्ट्रॉनिक मतदान प्रयोग होगा. मालूम हो कि केरल, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में इवीएम का इस्तेमाल पंचायत चुनाव कराने के लिए किया गया है.
Posted by Ashish Jha
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