बिहार में 1205 नियोजित शिक्षक जांच के घेरे में, 21 तक सत्यापन में नहीं आए तो जायेगी नौकरी

बिहार में शिक्षकों की बहाली के साथ इसमें अनियमितता भी उजागर हो रही है. हाल में हुए दक्षता परीक्षा में कई शिक्षक एक साथ दो जगहों पर परीक्षा देते पाये गये, वहीं कई शिक्षकों के दस्तावेज में रोल नंबर एक समान पाया गया. अब इन शिक्षकों को सत्यापन के लिए बुलाया गया है.

By Ashish Jha | March 13, 2024 1:37 PM
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पटना. सक्षमता परीक्षा को लेकर जिन 1205 नियोजित शिक्षकों को जांच के घेरे में शिक्षा विभाग ने लिया है, उनका चरणबद्ध सत्यापन विभाग में बुलाकर किया जा रहा है. यह प्रक्रिया 21 मार्च तक पूरी होगी. जो शिक्षक विभाग में आकर सत्यापन नहीं करायेंगे उनको 21 मार्च के बाद नोटिस भेजा जाएगा. इस संबंध में जिलों को भी आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया जा रहा है. विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि हर दिन शिक्षकों को बुलाया जा रहा है. यह प्रक्रिया 21 मार्च तक पूरी हो जाएगी. उस समय तक विभाग में जाकर सत्यापन नहीं करने वाले नियोजित शिक्षकों को 21 मार्च के बाद नोटिस भेजा जाएगा.

एक ही रोल नंबर वाले कई शिक्षक

पिछले दिनों दक्षता परीक्षा के दौरान 1205 ऐसे शिक्षक सामने आये, जिनके शिक्षक पात्रता परीक्षा (बीटेट, सीटेड, एसटेट) का रौल नंबर एक से अधिक शिक्षकों से मेल खाता मिला है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने यह सूची विभाग को सौंपी है. इसके बाद विभाग ने दो शिक्षकों का एक समान रौल नंबर के कारणों की जांच कराने का निर्णय लिया. इसी कड़ी में सभी को अलग-अलग दिन विभाग में बुलाया जा रहा है. शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इन 1205 में 345 ऐसे शिक्षक हैं, जो सक्षमता परीक्षा के दो आवेदन फार्म भरे हैं. इनका भी सत्यापन होगा कि आखिर इन्होंने ऐसा क्यों किया? इन सभी को विभाग में स्थापित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में बुलाकर सत्यापन किया जा रहा है. वैसे 50 से अधिक शिक्षकों का सत्यापन हो चुका है.

सक्षमता परीक्षा में पकड़े गये ‘मुन्ना भाई’

नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिलाने के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से सक्षमता परीक्षा का आयोजन किया गया. 6 मार्च तक राज्य के 52 परीक्षा केंद्रों पर ऑनलाइन माध्यम से यह परीक्षा आयोजित हुई. करीब 2.21 लाख शिक्षकों ने आवदेन किया था. इसी बीच शिक्षा विभाग ने आवेदन करने वाले शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी. जांच में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया. दरअसल, 1205 शिक्षकों के डॉक्यूमेंट्स संदेह के घेरे में आ गए. ये वैसे शिक्षक हैं जो एक सर्टिफिकेट पर दो से तीन जगह नौकरी करते पाए गए हैं. साथ ही एक ही सार्टिफिकेट पर कई लोग नौकरी कर रहे हैं. फर्जी दस्तावेज पर सालों से शिक्षा विभाग को चूना लगा रहे थे.

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जांच में हुए कई खुलासे

बिहार में सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन के समय सभी शिक्षकों को अपना STET, BTET, CTET का सर्टिफिकेट अपलोड करना अनिवार्य था. उधर नियोजित शिक्षक एग्जाम देने में व्यस्त थे और इधर शिक्षा विभाग के आदेश पर बिहार बोर्ड ने इनके डॉक्यूमेंट की जांच शुरू कर दी. गोपनीय तरीके से की गई इस विभागीय जांच में कुल 1205 शिक्षकों को चिन्हित किया गया है. इन सभी चिन्हित शिक्षकों के डॉक्यूमेंट्स का फिजिकल सत्यापन करने के लिए 21 मार्च तक बुलाया है. 1205 में सबसे अधिक 79 शिक्षक नवादा जिले के हैं. वहीं, सबसे कम कैमूर और शिवहर जिले के पांच-पांच शिक्षक हैं. विभाग में गठित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में चरणबद्ध तरीके से शिक्षकों को बुलाकर भौतिक सत्यापन किया जा रहा है. अगर यह संदेह, सच साबित होती है तो इन शिक्षकों की नौकरी भी जायेगी और कानूनी कार्रवाई भी होगी.

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