प्रमंडलवार स्थिति निम्नानुसार है
पटना प्रमंडल के अंतर्गत पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, रोहतास एवं कैमूर जिलों में कुल 542 सड़कों और 191 पुलों की स्वीकृति दी गई थी. इनमें अब तक 493 सड़कों और 159 पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ. तिरहुत प्रमंडल के अंतर्गत मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, वैशाली, सीतामढ़ी और शिवहर जिलों में कुल 301 सड़कों और 210 पुलों की स्वीकृति दी गई, जिनमें से 266 सड़कों और 152 पुलों का कार्य पूरा हो चुका है.
किस जिले में कितना काम हुआ
पूर्वी चंपारण में सर्वाधिक 96 सड़कों और 41 पुलों का निर्माण किया गया है, जबकि मुजफ्फरपुर में 52 सड़कों और 16 पुलों का काम पूरा हुआ. सारण प्रमंडल के सारण, सिवान और गोपालगंज जिलों में कुल 125 सड़कों और 55 पुलों में 117 सड़कों और 42 पुलों का कार्य पूरा हो चुका है. पूर्णिया प्रमंडल में पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज जिलों में 106 सड़कों और 282 पुलों में 102 सड़कों और 148 पुलों का निर्माण संपन्न हो चुका है. किशनगंज में सभी 21 सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है.
भागलपुर प्रमंडल के भागलपुर और बांका जिलों में 49 सड़कों और 28 पुलों में 46 सड़कों और 24 पुलों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. मगध प्रमंडल के गया, जहानाबाद, औरंगाबाद, नवादा और अरवल जिलों में कुल 265 सड़कों और 109 पुलों की स्वीकृति दी गई थी. इनमें से 248 सड़कों और 93 पुलों का कार्य पूर्ण हुआ है. दरभंगा प्रमंडल के दरभंगा, समस्तीपुर और मधुबनी जिलों में 253 सड़कों और 187 पुलों की स्वीकृति मिली थी, जिनमें से 223 सड़कों और 141 पुलों का निर्माण कार्य पूरा किया गया.
कोसी प्रमंडल के सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिलों में कुल 97 सड़कों और 58 पुलों को स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से 82 सड़कों और 36 पुलों का निर्माण कार्य पूरा हुआ. मुंगेर प्रमंडल के मुंगेर, जमुई, बेगूसराय, खगड़िया, शेखपुरा और लखीसराय जिलों में 286 सड़कों और 91 पुलों की स्वीकृति दी गई थी. इनमें से 266 सड़कों और 71 पुलों का कार्य पूर्ण हुआ.
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ग्रामीण संपर्कता बढ़ने से बदल रही गांवों की तस्वीर
ग्रामीण संपर्कता सुदृढ़ होने से ग्रामीण अंचलों में कृषि विकास के साथ-साथ औद्योगिक संभावनाओं को भी गति मिल सके. सड़कों और पुलों के निर्माण से जहां आवागमन में सहजता आती है. वहीं स्थानीय व्यापार, रोजगार सृजन, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं तक पहुंच भी सुलभ होती है.
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