यह नया टर्मिनल पटना जंक्शन के पश्चिमी हिस्से में स्थित हार्डिंग पार्क क्षेत्र में विकसित किया जाएगा. इसके तहत पांच नए प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे, जिससे पटना जंक्शन पर ट्रेनों और यात्रियों की भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी. इस टर्मिनल का उद्देश्य ट्रेनों के संचालन को अधिक सुचारु बनाना, यात्रियों को बेहतर अनुभव देना और पटना की बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए भविष्य के यातायात दबाव को संभालना है.
यात्रियों को मिलेंगी अत्याधुनिक सुविधाएं
नए टर्मिनल को पूरी तरह से मॉडर्न लुक दिया जाएगा. यहां यात्रियों के लिए एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिनमें अत्याधुनिक वेटिंग हॉल, डिजिटल टिकटिंग काउंटर, एस्केलेटर, लिफ्ट, स्वच्छ और हाईटेक शौचालय, फूड कोर्ट और व्यापक पार्किंग की व्यवस्था होगी.
ट्रेनों के संचालन में सुधार
यह टर्मिनल प्रारंभ में MEMU ट्रेनों के संचालन के लिए तैयार किया जा रहा है, लेकिन भविष्य में यहां से मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें भी चलेंगी. इससे न केवल ट्रेनों का टर्नअराउंड टाइम घटेगा, बल्कि परिचालन में भी उल्लेखनीय सुधार आएगा.
बेहतर कनेक्टिविटी और यातायात प्रबंधन
टर्मिनल को पटना मेट्रो, प्रमुख सड़कों और मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब से जोड़ा जाएगा, जिससे यात्रियों को स्टेशन तक पहुंचने में जाम से राहत मिलेगी. स्टेशन से बाहर निकलते ही यात्री सीधे मुख्य सड़क तक पहुंच सकेंगे, जिससे उन्हें ऑटो, टैक्सी या निजी वाहन तक पहुंचने में समय की बचत होगी. सभी प्लेटफॉर्मों के बीच अंडरग्राउंड रास्तों की सुविधा होगी, जिससे यात्रियों को बिना सतह पर आए प्लेटफॉर्म बदलने की सहूलियत मिलेगी.
रोजगार और स्थानीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
इस परियोजना के शुरू होने से पटना में स्थायी और अस्थायी रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. स्टेशन की सफाई, सुरक्षा, खानपान, टिकटिंग और अन्य सेवाओं के संचालन में हजारों लोगों को काम मिलेगा. रेल मंत्रालय की मानें तो यह प्रोजेक्ट दो साल में पूरा हो जाएगा और इसके शुरू होने के साथ ही यात्रियों को एक नए, सुरक्षित और सुविधाजनक सफर का अनुभव मिलेगा.
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