संवाददाता, पटना एफसीआई लेखापाल राजेश कुमार के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, उनकी अवैध आय की परतें भी खुलती जा रही हैं. बीते 24 घंटों में जांच में सामने आया है कि घोषित आय की तुलना में 200% से कई गुना अधिक अघोषित संपत्ति के ठोस साक्ष्य मिले हैं. सूत्रों के मुताबिक, इओयू अब इस मामले को पीएमएलए (धनशोधन निवारण अधिनियम) के तहत शामिल करने की सिफारिश कर सकती है. यदि ऐसा हुआ तो लेखापाल को निलंबित करने और उनकी संपत्तियों को फ्रीज करने की प्रक्रिया भी शुरू की जायेगी. सूत्रों के अनुसार, फर्जी बैंक खातों से करोड़ों रुपये के लेन-देन की पुष्टि हो चुकी है. वहीं, रियल एस्टेट क्षेत्र में सबसे अधिक निवेश मिला है. संपत्ति को वैध दिखाने के लिए राजेश कुमार ने अपने रिश्तेदारों के नाम का इस्तेमाल किया. शुक्रवार को मोतिहारी, पटना, हाजीपुर और मुजफ्फरपुर में इओयू ने लेखापाल राजेश कुमार से जुड़े छह ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान जब्त दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों का गहन विश्लेषण किया गया.
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