रोजगार के साथ व्यापार को बढ़ावा
बता दें कि, इस एक्सप्रेस-वे से रोजगार के साथ-साथ व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा. तो वहीं, खबर की माने तो, आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य इसी साल यानी कि 2025 के आखिर में ही पूरा कर लिया जाएगा. जिन जिलों से यह जुड़ेगा, उनमें दरभंगा, गया, औरंगाबाद, और पटना समेत अन्य 3 जिले शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक, एक्सप्रेस-वे के बन जाने से लोगों के 4 घंटे की बचत होगी.
उत्तर और दक्षिण बिहार के साथ संपर्क बेहतर
खबर की माने तो, यह एक्सप्रेसवे गया जिले के आमस से शुरू होकर दरभंगा जिले के बेला नवादा तक जाएगा. वहीं इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच संपर्क तो बेहतर होगा ही. इसके साथ ही व्यापार और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा. बता दें कि, यह सिक्स लेन वाला प्रोजेक्ट एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेस-वे होगा. जिससे साफ होता है कि, इस पर लिमिटेड जगहों पर से ही प्रवेश और निकास होगा. एक और फायदा यह भी बताया जा रहा है कि, दुर्घटना की समस्या कम होगी.
5000 की लागत से होगा तैयार
आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण में लगने वाले लागत की बात करें तो, वह 5000 का अनुमान लगाया गया है. जिसका निर्माण भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत एनएचएआई के द्वारा किया जा रहा है. इस एक्सप्रेस-वे से बासुदेवपुर रामनगर (लहेरियासराय), बेला नवादा (दरभंगा), इब्राहिमपुर, आमस, ओकरी, पभेरा, मथुरापुर, गुरारू, रामनगर, सबलपुर, चकसिकंदर समेत अन्य शहरें जुड़ेंगे.
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