मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन हो गया है. पटना में गंगा नदी के तट पर बना यह अनुसंधान केंद्र भारत का पहला और एकमात्र राष्ट्रीय स्तर का डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र है. इसके साथ ही पूरे एशिया में डॉल्फिन पर यह अपनी तरह का एकमात्र शोध केंद्र है. इस अनुसंधान केंद्र के भवन की नींव 2020 में रखी गई थी.
क्या होगा डॉल्फिन सेंटर में
इस रिसर्च सेंटर में डॉल्फिन के साथ-साथ अन्य जलीय जीवों पर भी शोध किया जाएगा. देश में पाई जाने वाली आधे से ज्यादा डॉल्फिन बिहार में हैं. गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता भी डॉल्फिन के माध्यम से मापी जाती है. एनडीआरसी (नेशनल डॉल्फिन रिसर्च सेंटर) गंगा में डॉल्फिन के अध्ययन में वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए बहुत मददगार साबित होगा. यह केंद्र डॉल्फिन के व्यवहार को समझने और शोध करने के लिए एक मंच प्रदान करके गंगा डॉल्फिन के संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देगा.
इस केंद्र के माध्यम से मीठे पानी की डॉल्फिन (फ्रेश वॉटर डॉल्फिन) के रिसर्च में रुचि रखने वाले वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों आदि को इसके व्यवहार को समझने और इस पर शोध करने की संस्थागत व्यवस्था मिली है. इससे गंगा डॉल्फिन संरक्षण के क्षेत्र में दूरगामी परिणाम मिलेंगे. आने वाले वर्षों में यह केंद्र राष्ट्रीय जलीय जीव गांगेय डॉल्फिन और अन्य मीठे पानी की डॉल्फिन जैसे सिंधु नदी डॉल्फिन, इरावदी डॉल्फिन आदि की सुरक्षा, संरक्षण, अनुसंधान, पर्यटन आदि के लिए राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता का केंद्र बन जाएगा.
Building of National Dolphin Research Centre Patna was inaugurated yesterday by Hble CM Bihar. The centre will undertake research work and spread awareness about Gangetic Dolphin. 🐬 pic.twitter.com/LVn98gFRDi
— Kumar Ravi IAS🇮🇳 (@kumravi_ias) March 5, 2024
2020 में रखी गयी थी इसकी नींव
वर्ष 2012 में राज्य में गंगा डॉल्फिन के संरक्षण प्रयासों को गति देने के लिए बिहार राज्य वन्यजीव परिषद की एक बैठक आयोजित की गई थी. इसमें पटना में राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया. इसी क्रम में पटना विश्वविद्यालय की ओर से लॉ कॉलेज घाट परिसर में इस सेंटर के निर्माण के लिए जमीन दी गयी. 22 सितंबर 2020 को सीएम नीतीश कुमार ने इस भवन का ऑनलाइन शिलान्यास किया था.
इस केंद्र को बनाने के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा 30 करोड़ 52 लाख रुपये की मंजूरी दी गयी थी. इसके निर्माण की जिम्मेवारी भवन निर्माण विभाग को दी गयी थी. भवन निर्माण कार्य पूरा होने तक नेशनल डॉल्फिन रिसर्च सेंटर का अंतरिम कार्यालय 30 जुलाई 2021 से पीयू के पशु विभाग में संचालित किया जा रहा है.
जी प्लस टू बिल्डिंग में यह होगा खास
राष्ट्रीय डॉल्फिन रिसर्च सेंटर के जी प्लस टू बिल्डिंग में ग्राउंड फ्लोर के हिस्से में ड्राय एंड वेट म्यूजियम है जिसमें डॉल्फिन इकोसिस्टम का डिसप्ले, एनाटमी का डिसप्ले आदि आदि होगा. इसी फ्लोर पर स्टोर रूम और रिसेप्शन है. पहले मंजिल पर डायरेक्टर ऑफिस, लैब, कॉन्फ्रेंस हॉल, एमएससी एन्वार्यमेंटल साइंस के विषय की कक्षाएं हैं. दूसरी मंजिल पर ट्रेनिंग सेंटर, दो बड़े लैब और एमएससी एन्वायर्मेंटल साइंस के विषय का लैब है. इसी महीने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से एक बैठक होगी जिसमें मैन पावर, लैब इक्वीपमेंट्स में क्या-क्या होगा आदि पर बात होगी.
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