मिथिला के लोगों को होगा फायदा
पूर्व के आंकड़ों में भी बताया गया था कि बेगूसराय जिले में कैंसर के मरीज पूरे राज्य के जिलों से सबसे ज्यादा हैं. अब उसको देखते हुए वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने मिथिला के लोगों के लिए को बड़ा तोहफा दे दिया है. इसके साथ ही आज के बजट में यह भी घोषणा की गई है कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की रोकथाम एवं इलाज के लिए बिहार कैंसर केयर सोसाइटी की स्थापना की जाएगी और इसके तहत राज्य के किसी भी जिले में जो कैंसर पीड़ित होंगे, उन्हें समुचित व्यवस्था के साथ जल्द से जल्द इलाज के लिए बिहार सरकार तत्पर्य रहेगी.
कोई सरकारी डेडिकेटेड अस्पताल नहीं
बिहार सरकार की ओर से अभी तक एक भी राज्य में कैंसर के लिए कोई डेडिकेटेड अस्पताल नहीं हैं. पटना महावीर मंदिर की ओर से आचार्य किशोर कुणाल ने पटना में एक महावीर कैंसर संस्थान खोला था, जिसमें बिहार के अधिकतर लोग सबसे पहले महावीर कैंसर संस्थान पहुंचते हैं, हालांकि 2021 से ही पटना के आईजीएमएस में 500 बेड का कैंसर के इलाज के लिए व्यवस्था की जा रही है, लेकिन अब तक वह पूरी तरह धरातल पर नहीं उतरी है.
बिहार में कैंसर के इलाज की बेहतर सुविधा नहीं
अभी भी लोगों को कैंसर के लिए बिहार से बाहर जाना पड़ता है. कैंसर के लिए उत्तर बिहार में मुंबई का टाटा मेमोरियल कैंसर संस्थान की शाखा भी खोली गई है. हालांकि उत्तर बिहार के लोगों को कैंसर बीमारी के इलाज के लिए प्रथम चरण में मुजफ्फरपुर इलाज कराने जाते हैं और जटिल समस्या हो जाती है तो फिर मुंबई जाना पड़ता है. मुजफ्फरपुर में इलाज चलने के बाद मुंबई में इलाज कराने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है.
बिहार के लोगों को होगी बड़ी सहूलत
बिहार सरकार का स्वास्थ्य विभाग कैंसर के लिए पहले से जागरूकता अभियान चलाते रहा है और प्रखंड स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों के जरिए इसकी जांच कराई जाती है. जहां भी संदेहात्मक कैंसर के मरीज होते हैं, उसकी जांच के लिए मुजफ्फरपुर के टाटा मेमोरियल कैंसर संस्थान की शाखा में बिहार सरकार की ओर से भेजा जाता है. अब बिहार सरकार का स्पेशल कैंसर संस्थान बेगूसराय में खुल जाने से सिर्फ बेगूसराय नहीं, कहा जाए तो उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार की आधे से अधिक आबादी को बड़ी राहत होगी.
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