दूसरे राज्यों के साथ किये समझौते
बिहार सरकार ने अंतर राज्य पथ परिवहन को सुगम बनाने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ अनेक समझौते किये है. राज्य सरकार ने झारखंड के साथ 200 मार्ग, छतीसगढ़ के साथ 28 मार्ग, ओडिशा के साथ 16 मार्ग,पश्चिम बंगाल के साथ 45 मार्ग और यूपी के साथ 34 मार्गों के लिए पारस्परिक समझौता किया है. राज्य सरकार ने बिहार और नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा मिलती है और बिहार तथा नेपाल के लोग अक्सर आर्थिक, सामाजिक , सांस्कृतिक और धार्मिक कारणों से एक-दूसरे के क्षेत्र में आते जाते है. ग्रामीण और शहरी क्षेत्राो में 581 बसें चलायी जा रही है. साथ ही, 300 बसें सार्वजनिक व निजी साझेदारी में चल रही है. दूसरे राज्यों से आने वाली बसों की सुविधा यात्रियों के आवागमन के साथ लगातार बढ़ाये जा रहें है. वहीं, दूसरी ओर दो पहिया, ट्रक, तिनपहिया, इ रिक्सा की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.देशभर के आंकड़ों को देखें,तो सबसे अधिक गाड़ियां आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र तमिलनाडु, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान के बाद बिहार में है.
मेट्रो परियोजना की रफ्तार तेज
आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि पटना शहर में मेट्रो के लिए 78.02 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गयी है, जबकि शेष 2.75 एकड़ भूमि अधिग्रहण प्रक्रियाधीन है. साथ ही भारत सरकार व राज्य सरकार के स्वामित्व वाली 17.15 एकड़ जमीन के लिए एनओसी प्राप्त हो गया है. विभाग के मुताबिक अब तक परियोजना के लिए 3402.09 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं, जिनमें से 872.50 करोड़ का आवंटन केंद्र जबकि 2529.59 करोड़ रुपये का आवंटन राज्य सरकार ने किया है. 2024-25 में इस परियोजना के लिए 380 करोड़ रुपये का प्रावधान है. राज्य सरकार का पटना के अलावा बिहार की घनी आबादी वाले चार शहर मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा और भागलपुर में भी मेट्रो रेल चलाने का प्रस्ताव है. इसके लिए पटना मेट्रो रेल परियोजना की तरह ही वित्तपोषण माॅडल अपनाया जायेगा. इसमें केंद्र व राज्य सरकार 20-20 फीसदी का अंशदान करेगी जबकि शेष 60 फीसदी बाहरी वित्तीय संस्थानों द्वारा वित्त पोषण होगा.
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