पिछले चुनाव में जीती थी 18 में से पांच सीटें
बिहार के पिछले विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी AIMIM ने 18 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 5 पर जीत भी हासिल की थी. इतना ही नहीं, कई सीटों पर आरजेडी के प्रत्याशियों की हार में भी ओवैसी के प्रत्याशियों को जिम्मेदार माना गया था. ऐसे में अब एक बार फिर से ओवैसी ने बिहार में अपनी ताकत दिखाने की तैयारी कर ली है. बिहार में हुई जातीय गणना के हिसाब से राज्य में मुस्लिम आबादी करीब 18 फीसदी है. विशेषकर सीमांचल के जिलों किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार आदि में मुस्लिम बहुल इलाके माने जाते हैं. किशनगंज में करीब 67 फीसदी मुस्लिम आबादी मानी जाती है. पिछले विधानसभा चुनाव में भी असदुद्दीन औवेसी को इस इलाके में बड़ी सफलता मिली थी.
जाति जनगणना पर भाजपा से सवाल
ओवैसी ने आगे कहा कि जाति जनगणना होनी चाहिए, ताकि पता चल सके कि कौन सी जाति विकसित है और कौन सी जाति अविकसित है. देश में सकारात्मक कार्रवाई और न्याय के लिए यह बहुत ज़रूरी है, क्योंकि आपने ओबीसी का आरक्षण सिर्फ़ 27% पर रोक दिया है, यह पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि हम भाजपा से जानना चाहेंगे कि आप इसे कब शुरू करेंगे और कब तक पूरा करेंगे. इसकी रिपोर्ट 2029 के संसदीय चुनाव से पहले आएगी या नहीं. ओवैसी ने कहा कि केरल में आरएसएस की बैठक हुई थी, उस बैठक में भी उन्होंने जाति जनगणना कराने की बात कही थी. हम जानना चाहते हैं कि सरकार जनगणना कब शुरू करेगी और कब पूरी होगी और इसका डेटा देश के सामने कब पेश किया जाएगा.
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